Margashirsha Month
Margashirsha Month: 19 नवंबर से मार्गशीर्ष मास प्रारंभ हो चुका है। इस अगहन माह भी कहते हैं। यह माह बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। पुराणों में इस माह की महिमा का वर्णन मिलता है। आओ जानते हैं कि इस माह में क्या करें और क्या नहीं।ALSO READ: मार्गशीर्ष मास का प्रथम गुरुवार क्यों है खास, जानिए लक्ष्मी पूजा का महत्व
ये कार्य करना चाहिए :
1. इस माह में सभी गुरुवार को श्रीहरि विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करनी चाहिए। कहते हैं कि इस माह में माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं और वह उस घर में जाती हैं जहां पर उनकी विधिवत पूजा की जा रही है।
2. महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया है कि जो मार्गशीर्ष माह में एक समय भोजन करके अपना दिन बिताता है और अपनी शक्ति के साथ दान पुण्य करता है वह समस्त पापों को नष्ट कर देता है। इस माह में उपवास करने से मनुष्य दूसरे जन्म में रोग और शोक रहित रहता है।
3. इस माह में दान पुण्य के साथ ही नदी स्नान करने का खासा महत्व है। अगर इस महीने किसी पवित्र नदी में स्नान का अवसर मिले तो इसे न गंवाएं, अवश्य ही नदी में स्नान करें।
4. शिव पुराण के अनुसार मार्गशीर्ष में चांदी का दान करने से पुरुषत्व की वृद्धि होती है।
Krishna Puja
5. शिव पुराण की विश्वेश्वर संहित अनुसार केवल अन्नदान करने से सभी तरह के अभिष्ट फल की प्राप्ति होती है।
7. इस महीने में नित्य श्रीमद्भगवतगीता का पाठ करें। भगवान श्री कृष्ण की उपासना अधिक से अधिक समय तक करें। या, पूरे महीने ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का निरंतर जाप करें। श्री कृष्ण को तुलसी के पत्तों का भोग लगाकर उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
8. इस महीने से संध्याकाल की उपासना अनिवार्य हो जाती है।
9. मार्गशीर्ष के महीने में तेल की मालिश बहुत उत्तम होती है।
10. इस महीने से मोटे परिधानों का उपयोग भी शुरू कर देना चाहिए।
11. इस महीने से चिकनाई वाले खाद्य पदार्थों का सेवन शुरू कर देना चाहिए।
ये कार्य नहीं करना चाहिए :
1. मार्गशीर्ष में सप्तमी, अष्टमी मासशून्य तिथियां मानी जाती हैं। मासशून्य तिथियों में मंगलकार्य करने से वंश तथा धन का नाम शहोता है।
2. अगहन के महीने में जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. इस माह तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
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