ग्रहण काल में जप तप योग साधना करने से होती हैं पुण्य की प्राप्ति

आज मध्यरात्रि यानी की 27 जुलाई को सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण लगने जा रहा हैं । भारतीय हिन्दू शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान कुछ सकारात्मक कर्म करना हर उम्र के लोगों के लिए बेहद ही फायदेमंद रहता हैं । विद्वान ज्ञानीजन कहते है कि ग्रहण के समय कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए, लेकिन इस दौरान कुछ ऐसे कर्म किए जा सकते हैं जिनका लाभ भी मिलता हैं और पुण्य फल की प्राप्ति भी होती हैं ।

 

1- जानकार विद्वानों का कहना हैं कि ग्रहण काल एक विशेष मुहूर्त माना जाता हैं, इस समय में मंत्र जप और गुरु मंत्र की दीक्षा लेना चाहिए, क्योंकि इस समय गुरु मंत्र लेना शास्त्रों के अनुसार बहुत ही उत्तम कर्म माना गया हैं ।


2- ग्रहण काल में अपने ईष्ट मंत्र या दिव्य गायत्री महामंत्र का मानसिक जप करने, मंत्र का लेखन करने से अदभुत लाभ की प्राप्ति होती हैं ।


3- अगर ग्रहण काल में कोई साधक अपने ईष्ट का ध्यान एवं योग साधना करता हैं तो इनके लिए ग्रहण काल अति उत्तम समय कहा गया हैं ।

 

4- ग्रहण के दौरान गुरु, ब्राह्मण, पुरोहितों या किसी दरिद्र को दान-दक्षिणा देने से अथाह पुण्य की प्राप्ति होती हैं । हालांकि ग्रहण काल में घर से बाहर निकलना ठीक नहीं माना जाता, इसलिए ग्रहण के समय उक्त प्रयोजन के निमित्त दान निकाल कर रखा जा सकता हैं और ग्रहण समाप्त होने का बाद या दूसरे दिन उस दान को दिया जा सकता हैं ।

 

5- अगर किसी बच्चे की शिक्षा की शुरुआत कराना चाहते हैं उसके लिए ग्रहण काल का दिन भी शुभ माना गया हैं ।

 

6- ग्रहण काल में पढ़ाई-लिखाई से जुड़ा नया काम शुरू करना जैसे, किताब लेखन, संगीत, नृत्य, चित्रकला आरंभ करना भी उत्तम होता हैं ।


7- अगर कोई व्यक्ति किसी असाध्य रोग से पीड़ित और वह चंद्र ग्रहण काल में भगवान शिव के इस पंचाक्षरी मंत्र " नमः शिवाय " का 1100 सौ बार मानसिक जप करता हैं तो उसका असाध्य रोग भी ठीक होने लगता हैं ।

 

chandra graha

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