ग्रहण काल या ग्रहण के आगे पीछे आ सकती है कोई बड़ी प्राकृतिक आपदाएं- यहां पढ़े पूरी खबर

पहली बार चंद्रग्रहण पर ये पांच महासंयोग बने हैं जिस कारण अनेक घटनाएं होने की संभावना बनी है, आषाढ़ मास की पूर्ण‍िमा का हर साल गुरु पूर्ण‍िमा के रूप में मनाया जाता है, इस बार गुरु पूर्ण‍िमा 27 जुलाई 2018 को है और इसके साथ ही चंद्रग्रहण भी लग रहा है । यह चंद्रग्रहण सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण है, भारत में इसे स्‍पष्‍ट रूप से देखा जा सकेगा । आज 27 जुलाई को लगने वाले चंद्रग्रहण को ज्‍योत‍षि बहुत खास मान रहे हैं, ज्‍योतिषाचार्य पं. प्रदीप कुमार मिश्रा के अनुसार इस बार बेहद खास संयोग बनने के कारण चंद्रग्रहण विशेष है । हो सकता है इस बीच कोई प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं ।

 

चंद्रग्रहण के पांच महासंयोग

 

1- गुरु पूर्ण‍िमा पर चंद्रग्रहण

पं. प्रदीप कुमार मिश्रा ने बताया की गुरु पूर्णि‍मा के दिन चंद्रग्रहण का लगना अपने आप में खास संयोग है हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी 18 साल पहले भी 16 जुलाई 2000 को चंद्रग्रहण गुरु पूर्ण‍िमा के दिन लगा था ।

 

2- लंबा चंद्रग्रहण और प्रभावशाली

रात में और दोपहर के समय लगने वाला चंद्रग्रहण सबसे प्रभावशाली होने का साथ यह लंबा भी होता है । इस बार लगने वाला चंद्रग्रहण करीब 4 घंटे तक रहेगा, ऐसा लगभग 150 वर्षों में पहली बार हो रहा है ।

 

3- सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण

27 जुलाई को लगने वाला ग्रहण इस सदी का सबसे लंबा ग्रहण हैं, इसका कुल समय 3:54:33 घंटे का होगा, साल 2018 में दूसरी बार ब्‍लडमून का नजारा दिखेगा इसलि‍ए भी यह बेहद खास है ।

 

4- प्राकृतिक आपदा का डर

इस बार चंद्रग्रहण के वक्‍त पृथ्‍वी मंगल ग्रह के बेहद नजदीक होगी, जिस कारण ग्रहण काल में कोई बड़ी प्राकृतिक आपदाएं होने की संभावना अधिक बनी हुई है । जैसे- भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, महामारी, दुर्घटना या किसी अन्य कोई प्राकृतिक आपदा आ सकती हैं ।

 

5- त्रिग्रही योग

इस बार चंद्रग्रहण के वक्‍त मंगल और केतु के बीच त्रिग्रही योग बन रहा है, केतु और चंद्रमा एक साथ मकर राशि में हैं, इसलि‍ए ग्रहण योग बन रहा है ।

chandra grahan

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