शनि गृह का प्रतिनिधि रत्न नीलम होता है। नीलम बहुत ही प्रभावशाली रत्न माना जाता है। ज्योतिष के अनुुसार कहा जाता है की नीलम रत्न यदि किसी व्यक्ति को फल यानी रास आ जाता है तो वह व्यक्ति को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा देता है, लेकिन जरुरी नहीं है की ऐसा प्रत्येक व्यक्ति के लिए हो कुछ राशि के व्यक्तियों के लिए इसे पहनना काफी घातक भी साबीत हो सकता है। क्योंकि नीलम शनि गृह का रत्न है और इसमें शनि से संबंधित सभी विशेषताएं होती है। इसका फायदा सभी के लिए हो यह जरुरी नहीं होता। वहीं वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि का संबंध श्रम और मेहनत से होता है, ऐसा कहना बिलकुल गलत होगा की शनि किसी जातक को बैठे बिठाए शोहरत दे देता है बल्कि जो जातक आलसी होता है उसे शनि का रत्न नीलम कभी भी रास नहीं आता यह रत्न तो मेहनती जातको के लिए है जो अपनी मेहनत और लगन से कामयाबी हासिल करते है!
ज्योतिष के अनुसार किसी भी व्यक्ति को कोई भी रत्न पहनने से पहले अपनी कुंडली दिखवा लेना चाहिए। कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार नीलम पहनना चाहिए। यदि आपने बिना किसी जानकारी के नीलम पहन लिया तो आपको इसके दुष्प्राभवों का सामना करना पड़ सकता है। इसके बुरे प्रभाव के कारण बीमारियां, आलस्य, झगड़े, धन हानि, नुकसान, कामकाज में रुकावटें आने लगती हैं। कई लोग इसे राशि के अनुसार धारण कर लेते हैं, किंतु ऐसा करना उचित नहीं होता है। आइए जानते हैं किन राशियों के लिए नीलम धारण करना शुभ नहीं होता...
राशि अनुसार जानिए आपके लिए नीलम शुभ है या अशुभ
मेष राशि: इस राशि का स्वामी मंगल होता है। शनि के साथ मंगल शत्रु भाव रखता है। इस स्थिति में यदि इस राशि के जातकों को नीलम नहीं पहनना चाहिए। क्योंकि इसके कारण कामकाज में रुकावटें आती हैं और आगे बढ़ने के लिए कोई नया अवसर नहीं प्राप्त होता।
वृषभ राशि: आपको नीलम धारण करने से पहले ज़्यादा सोचने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आपके स्वामी यानि शुक्र का शनि के साथ मित्रता का भाव है। नीलम का प्रभाव इस कदर होता है कि वो आपको पूरी ज़िंदगी का सर्वश्रेष्ठ समय दे सकता है क्योंकि नीलम शनि का रत्न होता है और शनि आपके लिए एक योगकारक ग्रह है।
मिथुन राशि: बुध और शनि आपस में मित्रता का भाव रखते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी मिथुन राशि के जातकों के लिए नीलम धारण करने के लिए कुंडली देखना जरुरी है। आप नीलम धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से राय जरुर लें।
कर्क राशि: जिस प्रकार मंगल शनि के साथ शत्रुता का भाव रखता है, उसी प्रकार शनि कर्क राशि के स्वामी चंद्र के साथ भी इसी प्रकार का संबंध रखता है। शनि का सप्तम व अष्टम भाव में स्थित होना अशुभ माना जाता है। इसलिए कर्क राशि के लोग भी कुंडली दिखाकर सावधानी से नीलम पहनें।
सिंह राशि: सिंह राशि का स्वामी सूर्य गृह है। सूर्य, शनि के साथ शत्रुता का भाव रखता है। इसलिए सिंह राशि के जातक नीलम पहनने की गलती ना करें वरना बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।
कन्या राशि: कन्या राशि का स्वामी बुध शनि के साथ तटस्थ रहता है। ऐसे में ये रत्न धारण कर लेने से न तो फायदा होता है और ना ही कोई नुकसान। वैसे अगर आप चाहें तो शनि की अवधि सुधारने या अपनी स्थिति को मज़बूत बनाने के लिए ज्योतिषी सलाह से इसे धारण कर सकते हैं।
तुला राशि: तुला राशि का स्वामी यानि शुक्र का शनि के साथ सौहार्दपूर्ण भाव रहता है, ऐसे में इस राशि के जातकों को ज़्यादा से ज़्यादा फायदा उठाने के लिए इस रत्न को पहनन सकते हैं।
वृश्चिक राशि: शनि और मंगल के बीच बैरी भाव होने के कारण इस राशि के जातक भी नीलम नहीं पहन सकते। इस राशि के जातक अपनी कुंडली में शनि की स्थिति के आधार पर ही नीलम रत्न पहनें।
धनु राशि: इस राशि के जातक अपनी कुंडली में शनि की स्थिति देककर नीलम रत्न धारण कर सकते हैं। क्योंकि धनु राशि का स्वामी बृहस्पति यानि गुरु हैं और गुरु व शनि आपस में सम भाव रखते हैं। इसलिए सलाहकार से सलाह लेने के बाद ही यह रत्न धारण करें।
मकर राशि: इस राशि के स्वामी स्वंय शनि ही हैं। वहीं मकर राशि वाले जातकों के लिए नीलम धारण करना बेहद शुभफलदायी होगा। यह आपकी विद्रोहियों से भी रक्षा करता है। इसके बाद भी आपको कुंडली में शनि की स्थिति देखकर ये रत्न पहनना चाहिए।
कुंभ राशि: नीलम रत्न उन लोगों के भाग्य में काफी बदलाव लाता है जो इस राशि के होते हैं और इस रत्न को धारण करते हैं। कारण यह है कि शनि आपके लिए वही करता है जो सबसे उत्तम होगा। आप राशि अनुसार ये रत्न पहन सकते हैं।
मीन राशि: मीन राशि के स्वामी गुरु और शनि आपस में सम हैं। इसका अर्थ यह है कि इस राशि के लोगों को यह रत्न नहीं पहनना चाहिए वरना इससे आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं।
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