17 नवंबर, शनिवार को आंवला नवमी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना की जाती है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी होती है। कुछ जगहों पर आंवला नवमी को अक्षय नवमी भी कहा जाता है। वहीं धर्मों के अनुसार इस दिन आंवले की उत्पत्ति हुई थी इसलिए इसे आंवला नवमी कहा जाता है। देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु को आंवला बहुत प्रिय है, इस दिन इनकी पूजा करने से अक्षय पूण्य की प्राप्ति होती है साथ ही देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है। पूजा-पाठ के साथ-साथ यदि कुछ आसान उपाय कर लिए जाए तो अक्षय लाभ प्राप्त हो सकते हैं, इसी के साथ इस दिन किए गये पूण्य अगले जन्म तक आपको लाभ प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं वे सरल उपाय....
1. आंवला नवमी के दिन ब्राह्मण को भोजन कराना बहुत ही शुभ माना जाता है। धार्मिक आस्था के अनुसार ऐसा करने से इस जन्म के साथ ही अगले जन्म में भी कभी अन्न-धन्न और संपदा की कमी नहीं होती है।
2. भौतिक सुख-सुविधा व एैश्वर्य जीवन भोगने के लिए अांवला नवमी के दिन सोना, चांदी या कोई भी किमती आभूषण खरिदें। जीवनभर सुख प्राप्त होगा।
3. इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन बनाने और खाने से अक्षय लाभ और अक्षय स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
4. आंवला नवमी पर शनि ग्रह शांति के लिए ब्राह्मणों एवं गरीबों को दूध या चावल खिलाएं।
5. आंवला नवमी पर भगवान की पूजा आंवले के साथ करनी चाहिए और आंवले को प्रसाद के रूप में खाना भी चाहिए।
6. अक्षय नवमी पर दान का बहुत महत्व है। इस समय सर्दी चल रही है ऐसे में जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े वितरित करना बहुत शुभ माना गया है। कहते हैं इस दिन दान करने से मिला हुआ पुण्य अक्षय होता है।
7. अक्षय नवमी के दिन अपने स्नान करने के लिए गए जल में आवंला के रस की कुछ बूंदे डालें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा तो जाएगी ही साथ ही माता लक्ष्मी भी घर में विराजमान होंगी।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2Thalsb
EmoticonEmoticon