सोमवार के दिन महाशिवरात्रि का महापर्व हैं इस दिन जो भी भक्त किसी त्रभी शिवलिंग के सामने बारह ज्योतिर्लिंग की इस प्रार्थना को एक बार पढ़ लेता हैं उसे सभी ज्योतिर्लिंग के दर्शनों का पुण्यफल प्राप्त होता हैं, साथ भोलेबाबा व्यक्ति के जीवन अभावों को अपने आशीर्वाद के भण्डार से भर देते हैं ।
महाशिवरात्र के अलावा भी प्रतिदिन प्रातः काल जो भी इस ज्योतिर्लिंगों प्रार्थना का पाठ शिवलिंगों का ध्यान करते हुये करता है, उसके सात जन्मों तक के पाप नष्ट हो जाते हैं । जो भी मनोकामना करता हैं पूरी हो जाती है, भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग में प्रकट होने के बाद ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु ने उनकी स्तुति की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शंकर अपने वास्तविक स्वरूप में प्रकट हो गये ।
इस विधान के साथ करें पाठ
महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्ममुहूर्त में गंगाजल मिले जल से स्नान करने के बाद किसी भी आसपास के शिवालय में एक बाल्टी शुद्धजल, एक लोटा या गोमुखी पात्र, सफेद चावल, बेलपत्र, चंदन, कुमकुम, धुपबत्ती, कपूर एवं नैवेद्य साथ लेकर जाये । सबसे पहले शिवलिंग को प्रणाम करके एक लोटे जल से धुल लें, ऊँ नमः शिवाय मंत्र के साथ चंदन लगाकर आवाहन् करने के बाद में शुद्ध जल से 108 बार नमः शिवाय बोलते हुये जलाभिषेक करके फिर विधिवत सभी सामग्रियों से पूजन करने के बाद बाद नीचे दी गई स्तुति प्रार्थना का पाठ करें ।
सौराष्ट्रे सोमनाथंच श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् ।
उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं परमेश्वरम् ।।
केदारं हिमवत्पृष्ठे डाकियां भीमशंकरम् ।
वाराणस्यांच विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे ।।
वैद्यनाथं चिताभूमौ नागेशं दारूकावने ।
सेतूबन्धे च रामेशं घुश्मेशंच शिवालये ।।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरूत्थाय यः पठेत् ।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति ।।
यं यं काममपेक्ष्यैव पठिष्यन्ति नरोत्तमाः ।
तस्य तस्य फलप्राप्तिर्भविष्यति न संशयः ।।
****************
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2NEvtpR
EmoticonEmoticon