shiv chaturdashi : इस दिन हुई थी "शिवलिंग" की उत्पत्ति, इस चीज से अभिषेक करने पर हो जाती है मनोकामना पूरी

हिंदू धर्म शास्त्रानुसार, हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिव चतुर्दशी (शिवरात्रि) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का स्वामी भगवान शिव को बाताया गया है। पौराणिक कथाओं में उल्लेख आता हैं कि दिव्य ज्योर्तिलिंग की उत्पत्ति भी शिव चतुर्दशी तिथि के दिन ही हुई थी। इस दिन प्राचीन शिवलिंग का इस चीज से अभिषेक करने से मिलता है मनोकामना पूर्ति का वरदान। मई माह में 3 मई दिन शुक्रवार को है शिव चदुर्दशी पूजा।

 

शिव चतुर्दशी तिथि के दिन विधिपूर्वक व्रत रखकर शिवजी का पूजन, शिव कथा, शिव स्तोत्रों का पाठ एवं शिव पंचाक्षरी मंत्र- "उँ नम: शिवाय" का जप करने एवं रात्रि जागरण करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। व्रत करने से व्यक्ति काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि के बंधन से मुक्त होता है। शिव चतुर्दशी व्रत में शिव के साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय और शिवगणों की पूजा की जाती है।

 

मनोकामना पूर्ति के लिए इस चीज से करे अभिषेक

शिव चतुर्दशी तिथि के दिन किसी प्राचीन शिवलिंग पर जल मिश्रित दूध से अभिषेक करने पर हर तरह की मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद शिवजी देते हैं। अभिषेक के बाद बेलपत्र, समीपत्र, कुशा, दूब, भांग, धतूरा एवं श्रीफल आदि से भगवान भोलेनाथ का पूजन करें। शिव चतुर्दशी के दिन निराहार व्रत रहकर शिवाभिषेक करने से अथाह धन वैभव की प्राप्ति होती है। शिव चतुर्दशी का व्रत करने वाले लोगों को जीवन के सम्पूर्ण सुखों का भोग प्राप्त होता है। व्रत से व्यक्ति दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य, संतान एवं विद्या आदि प्राप्त कर अंत में शिवलोक का अधिकारी भी बन जाता है।

 

शिव चतुर्दशी तिथि के दिन मध्य रात्रि में इस मंत्र का जप करना अत्यंत ही लाभकारी माना जाता है।
शंकराय नमसेतुभ्यं नमस्ते करवीरक
ऊँ त्र्यम्बकाय नमस्तुभ्यं महेश्र्वरमत: परमनमस्तेअस्तु महादेवस्थाणवे च ततछ परमू, नमः पशुपते नाथ नमस्ते शम्भवे नमः, नमस्ते परमानन्द नणः सोमार्धधारिणे
नमो भीमाय चोग्राय त्वामहं शरणं गतः।।

**********



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/2WckjMy
Previous
Next Post »