Ashtavinayak Ganesh : श्रीगणेश के अष्टविनायक स्वरूप की ऐसी पूजा से हो जाती है हर मनोकामना पूरी

श्रीगणेश के अष्टविनायक स्वरूप की इस विधि से पूजा आराधना से प्रसन्न हो जाते है गौरीनंदन गणेश। अगर गणेश चतुर्थी एवं अनंत चतुर्दशी के दिन उन्नति, खुशहाली और मंगलमय जीवन की कामना से भगवान अष्टविनायक श्रीगणेश की शास्त्रानुसार ऐसी पूजा की जाएं तो रिद्धि-सिद्धि और शुभ लाभ का वास जीवन और घर परिवार में बना रहता है। जानें इस गणेश उत्सव में अष्टविनायक श्रीगणेश की पूजा का शासत्रोंक्त विधान। 2 सितंबर से गणेश उत्सव प्रारंभ हो रहा है।

 

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ऐसे करें अष्टविनायक श्रीगणेश का पूजन

गणेश चतुर्थी एवं गणेश उत्सव के अलावा अन्य दिनों में भी व्यक्ति श्री गणेश जी के इन अष्टविनायक स्वरूपों की विधि विधान से पूजन करते हैं उनकी हर मनोकामना पूर्ण होकर ही रहती है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद कुशा के आसन पर बैठकर सबसे पहले गाय के घी का 8 बत्ती वाला दीपक, हल्दी, कुमकुम, पीले चावल, पीले फूल, दूर्वा, पान सुपारी, जनेऊ, मोदक, श्रीफल, पीताबंरी वस्त्र, ऋतुफल, कलावा एवं गंगाजल आदि सोलह प्रकार के पदार्थों से विशेष पूजन करें।

Ashtavinayak Puja Vidhi : Ganesh Chaturthi 2019

इस अष्टविनायक मंत्र का करें जप

उपरोक्त विधान से पूजन करने के बाद गणेश के इस मंत्र का कम से कम एक हजार बार जप करें। पूजा एवं जप समाप्त होने के बाद गरीबों को कुछ दान अवश्य करें या भोजन करायें। इस तरह विधि पूर्वक पूजन करने से अष्टविनाय धन धान्य से परिपूर्ण होने का आशीर्वाद देते हैं।

इस मंत्र का करें जप-

।। ॐ वक्रतुंडाय हुम् ।।

Ashtavinayak Puja Vidhi : Ganesh Chaturthi 2019

श्री अष्टविनायक सिद्ध गणेश मंदिर

अष्टविनायक का पूजन अपने घर में या आसपास के किसी गणेश मंदिर में कर सकते हैं। इसके अलावा अगर भगवान श्री अष्टविनायक का विशेष पूजन गणेश जी के इन सिद्ध मंदिरों में जाकर पूजा की जाय तो श्री अष्टविनायक शीघ्र प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं एवं भक्त उनकी कृपा के अधिकारी बन जाते हैं।

 

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अष्टविनायक गणेश मंदिर

1- श्री मयूरेश्वर मंदिर।

2- श्री सिद्धिविनायक (सिद्धटेक)।

3- श्री बल्लालेश्वर मंदिर।

4- श्री वरदविनायक मंदिर।

5- श्री चिंतामणी गणेश मंदिर।

6- श्री गिरिजात्मज अष्टविनायक।

7- श्री विघनेश्वर अष्टविनायक।

8- श्री महागणपति मंदिर।
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