रानी सती महोत्सव आज, झुंझुनू में बड़ी धूम-धाम से होगा मंगलपाठ

हर साल भादो मास की अमावस्या को राजस्थान के झुंझुनू में राणी सती दादी मंदिर में उत्सव मनाया जाता है। यहां हर साल भादो अमावस्या को भव्य मंगलपाठ का आयोजन होता है। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस साल भी 30 अगस्त को यह उत्सव मनाया जाएगा, जिसकी जोरो-शोरों से तैयारियां जारी है। राणी सती मंदिर में हर साल मनाया जाने वाला भादो उत्सव देशभर में प्रसिद्ध है। वहीं 30 अगस्त, शुक्रवार को होने वाले मंगलपाठ के लिए प्रसिद्ध गायक बुलाए गए हैं, श्री राम मंदिर और राणी सती दादी मंदिर समिति ने बताया कि मंगलपाठ शुक्रवार को दोपहर 3 बजे शुरु होगा।

भादो अमावस्या पर श्री राम मंदिर और राणी सती दादी मंदिर द्वारा भादी मावस उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। राणी सती दादी मंदिर समिति ने बताया की मंदिर में पिछले 9 सालों से गांधी गंज राणी सती दादी मंदिर में मित्तल कलानोरिया परिवार द्वारा भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। भक्तों द्वारा दादी की पोशाक व चुनरी एवं छप्पन भोग से आवरण किया जाएगा। इस दिन मंदिर में सुबह से विशेष पूजा की जाती है। जिसमें सभी भक्त अपने परिवार के साथ यहां पहुंचते हैं। पूरे विधि-विधान से दादी की पूजा-अर्चना कर उलका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

 

rani sati dadi mandir

400 साल पुराना है मंदिर

रानी सती को समर्पित झुंझुनू का यह मंदिर करीब 400 साल पुराना मंदिर है। यह मंदिर सम्मान, ममता और स्त्री शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यहां मंदिर परिसर में रानी सती के अलावा कई मंदिर हैं, जो शिवजी, गणेशजी, माता सीता और रामजी के परम भक्त हनुमान को समर्पित हैं। मंदिर परिसर में षोडश माता का सुंदर मंदिर है, जिसमें 16 देवियों की मूर्तियां लगी हैं। परिसर में सुंदर लक्ष्मीनारायण मंदिर भी बना है।

राजस्थान के मारवाड़ी लोगों का मानना है कि रानी सतीजी, मां दुर्गा का अवतार थीं। बताया जाता है की, उन्होंने अपने पति के हत्यारे को मार कर बदला लिया और फिर अपनी सती होने की इच्छा पूरी की। रानी सती मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। हालांकि अब यहां का मंदिर प्रबंधन सती प्रथा का विरोध करता है। यदी नहीं मंदिर के गर्भ गृह के बाहर बड़े अक्षरों में लिखा हुआ भी है- हम सती प्रथा का विरोध करते हैं।

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श्री कृष्ण ने दिया था वरदान

पौराणिक इतिहास के मुताबिक महाभारत के युद्ध में चक्रव्यूह में वीर अभीमन्यु वीर गति को प्राप्त हुए थे। उस समय उत्तरा जी को भगवान श्री कृष्णा जी ने वरदान दिया था कि तू कल्युग में ''नारायणी'' के नाम से श्री सती दादी के नाम से विख्यात होगी, और हर किसी का कल्याण करेगी और पूरी दुनिया में पूजी जाएगी। उसी वरदान के स्वरूप श्री सती दादी जी आज लगभग 715 वर्ष पूर्वा मंगलवार मंगसिर आदि नवमीं सन्न 1352 ईस्वीं 06.12.1295 के सती हुई थीं।

ऐसे पहुंचे रानी सती मंदिर

झुंझुनू बस स्टैंड से रानी सती मंदिर करीब तीन किलोमीटर दूर है, यहां से ऑटो रिक्शा लेकर आप मंदिर पहुंच सकते हैं।
झुंझुनू रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 2 किलोमीटर है। वहीं शहर के गांधी चौक से मंदिर की दूरी महज 1 किलोमीटर है।



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