बसंत पंचमी का त्यौहार 30 जनवरी 2020 को है। इस दिन दोपहर में माँ सरस्वती का विशेष षोडषोपचार विधि से पूजन करें। पूजन के बाद पीले कपड़े पहन, पीले फूलो के आसन पर बैठकर माँ सरस्वती जी की इस वैदिक स्तुति का पाठ दोपहर में करने से एक साथ अनेक इच्छाएं पूरी होने लगती है। जानें बसंत पंचमी के दिन कौन सी स्तुति को करने से सारी कामनाएं पूरी होने लगती है।
बसंत पचंमी के दिन इस वैदिक स्तुति का करें पाठ- स्तुति का पाठ करने से पूर्व एक घी का दीपक जलाएं एवं विधिवत माता सरस्वती का पूजन करें।
1- सरस्वती नमस्तुभ्यं वर्दे कामरूपिणी।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु में सदा।।
भावार्थ- हे सबकी कामना पूर्ण करने वाली माता सरस्वती, आपको नमस्कार करता हूं। मैं अपनी विद्या ग्रहण करना आरम्भ कर रहा हूं, मुझे इस कार्य में सिद्धि मिले।
2- या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।
भावार्थ- जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चन्द्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की है और जो श्वेत वस्त्र धारण करती है, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर शङ्कर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित है, वही सम्पूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली माँ सरस्वती हमारी रक्षा करें।
3- शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥
भावार्थ- शुक्लवर्ण वाली, सम्पूर्ण चराचर जगत् में व्याप्त, आदिशक्ति, परब्रह्म के विषय में किए गए विचार एवं चिन्तन के सार रूप परम उत्कर्ष को धारण करने वाली, सभी भयों से भयदान देने वाली, अज्ञान के अँधेरे को मिटाने वाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करने वाली और पद्मासन पर विराजमान् बुद्धि प्रदान करने वाली, सर्वोच्च ऐश्वर्य से अलङ्कृत, भगवती शारदा की मैं वंदना करता हूं।
*****************
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2U6fHt2
EmoticonEmoticon