माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 30 जनवरी ( गुरुवार ) को है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस बार बसंत पंचमी पर सिद्धि व सर्वार्थसिद्धि योग जैसे दो शुभ मुहूर्त का संयोग भी बन रहा है।
ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, इस बार बसंत पंचमी को ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति और खास बना रही है क्योंकि इस बार तीन ग्रह स्वराशि में रहेंगे। मंगल वृश्चिक में, बृहस्पति धनु में और शनि मकर राशि में रहेंगे।
ये भी पढ़ें- जीवन की दशा और दिशा को है बदलना, तो आज ही करें सिंदूर के यह चमत्कारी उपाय
दरअसल, बसंत पंचमी अबूझ मुहूर्त वाले पर्वों की श्रेणी में शामिल है। इस बार इस दिन गुरुवार व उतराभाद्रपद नक्षत्र होने के कारण सिद्धि योग बनेगा। इसके अलावा इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। दोनों योग एक साथ रहने के कारण बसंत पंचमी की शुभता में और अधिक वृद्धि हो रही है।
बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन इनकी उत्पत्ति हुई थी। कहा जाता है कि इन्हीं के कारण सृष्टि को स्वर मिला। मां सरस्वती बुद्धि, विद्या और संगीत की देवी हैं। इसलिए इस दिन पुस्तक, पेन और संगीत यंत्रों की पूजा करनी चाहिए।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/38M0stq
EmoticonEmoticon