हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान भोलेनाथ महादेव शिवशंकर एवं जगत जननी माता पार्वती जी की विवाह से पूर्व सगाई तिलक समारोह माघ मास की पंचमी तिथि के दिन ही हुई थी। जिस दिन भगवानन शिवजी और माता पार्वती जी की सगाई हुई थी, उस दिन बसंत ऋतु का आगमन शुरू हुआ, तभी से शिव-पार्वती के विवाह से पूर्व सगाई वाले दिन को हर साल बसंत पंचमी महापर्व के रूप में मनाया जाने लगा। इस साल 2020 में बसंत पंचमी का पर्व 30 जनवरी दिन गुरुवार को मनाया जाता है।
बसंत पंचमी कल : जानें सरस्वती पूजा विधि एवं सटीक शुभ मुहूर्त
धार्मिक परमपरा के अनुसार जब भगवान शिवजी एवं माता पार्वती जी के विवाह से पूर्व जब उनकी सगाई अर्थात तिलक समारोह का आयोजन देवताओं द्वारा किया गया था उस दिन माघ मास के शुक्ल पक्ष की बसंत पंचमी तिथि थी। तभी से बसंत पंचमी महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने लगा।
बसंत पचंमी 2020 : धन, विद्या, बुद्धि जो मांगोगे मिलेगा, कर लें यह उपाय
इस उपाय से मिलता है मनचाहा जीवन साथी
ऐसी मान्यता हैं कि बसंत पंचमी के दिन विधि विधान पूर्वक भगवान शिवजी एवं माता पार्वती जी की पूजा आराधना करने से अविवाहितों को मनचाहे जीवन साथी की प्राप्ति होती है। इस दिन इच्छा पूर्ति के लिए दोपहर के समय शंकर जी एवं पार्वती जी का षोडशोपचार विधि से पूजन करना चाहिए। पूजन में दोनों को पीले फूलों की माला, पीले फूल, पीले चावल, पीले दुपट्टे अर्पित कर पीले प्रसाद का भोग लगाने से मां पार्वती और भगवान शिवजी की कृपा से मनचाहा जीवन साथी मिलने के योग बन जाते हैं।
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इस उपाय से होती है हर इच्छा पूरी
अगर इस दिन शिव मंदिर में जाकर भगवान शिवजी का ताजे गन्ने के रस से अभिषेक किया जाय तो धन, विवाह संबंधित अनेक मनोकामनाएं पूरी होने लगती है। अभिषेक करते समय 108 या फिर 501 बार ऊँ नमः शिवाय इस पंचाक्षरी मंत्र का जप करते रहना चाहिए।
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