वरुथिनी एकादशी के व्रत से दूर होते हैं सभी पाप

हिंदू शास्त्रों के अनुसार वैसाख मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी मनाई जाती है। कहा जाता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से अनंत गुणा फल प्राप्त होता है। यह व्रत समस्त पापों को नष्ट कर सौभाग्य, सुख और संपत्ति देने वाला है।

यह भी पढें: मोरपंख के ये 6 टोटके आज ही बदल देंगे आपकी किस्मत

यह भी पढें: इस मंदिर का शिवलिंग है अद्भुत, साल भर भरा रहता है जल

ऐसे करें वरुथिनी एकादशी का व्रत
व्रत वाले दिन पूरे दिन उपवास करना होता है। शाम को भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उसके बाद फलाहार कर व्रत खोला जाता है। इस व्रत में तेल, नमक अथवा अन्न खाने की अनुमति नहीं होती है। केवल मात्र फलाहार पर ही आश्रित रहना होता है। इसके बाद अगले दिन यानि द्वादशी के दिन पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए और दक्षिणा देनी चाहिए।

यह भी पढें: क्या आप जानते हैं हिंदू धर्म से जुड़ी इन 10 मान्यताओं और रीति-रिवाजों के बारे में

यह भी पढें: काले जादू में इस तरह होता है मंत्रों का प्रयोग

व्रत में ध्यान रखनी चाहिए ये बातें
जो लोग वरुथिनी एकादशी का व्रत करते हैं, उन्हें इस दूसरों की निंदा नहीं करनी चाहिए। क्रोध, झूठ व अन्य सभी प्रकार के पापकर्मों का त्याग कर देना चाहिए। इसके साथ ही यथाशक्ति पशुओं तथा पक्षियों को अन्न दान करना चाहिए। किसी गरीब की सेवा करनी चाहिए।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3nUc5r3
Previous
Next Post »