भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है और यह उत्सव 10 दिनों तक पूरे देश में मनाया जा रहा है। ऐसे में यह सभी 10 दिन गणेश जी की पूजा करने के लिए शुभ हैं।
वहीं इन 10 दिनों में भी बुधवार यानि 15 सितंबर का दिन सबसे विशेष रहने वाला है, इसका कारण यह है कि साप्ताहिक दिनों में बुधवार को श्री गणेश जी का दिन माना जाता है।
दरअसल इसी कारणवश गणेश उत्सव के दौरान पड़ने वाले बुधवार बेहद खास होते हैं। इस बार के गणेशोत्सव में एकमात्र बुधवार सितंबर 15,2021 को पड़ेंगे।
वहीं चुकिं बुध को बुद्धि का कारक माना जाता है और श्री गणेश स्वयं बुध के कारक देव होने के साथ ही बुद्धि के दाता भी हैं, पंडित सुनील शर्मा के अनुसार ऐसे में माना जाता है कि गणेश उत्सव के दौरान पड़ने वाले बुधवार को कुछ उपाय करने से बुद्धि, विद्या, विवेक की प्राप्ति होती है।
पंडित शर्मा के अनुसार गणेश महोत्सव में पड़ने वाले बुधवार को कुछ खास इस तरह के उपाय किए जा सकते हैं, जिनसे आपको भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त हो।
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गणेशोत्सव के दौरान बुधवार के उपाय
पं. शर्मा के अनुसार गणेशोत्सव के दौरान आने वाले बुधवार के दिन साबुत मूंग के साथ धनिया का चूरमा प्रसाद के तौर पर गणेशजी को चढ़ाना चाहिए। माना जाता है कि इसका भोग गणेश जी को अत्यधिक प्रिय है। ऐसे में यह भोग लगाने से श्री गणेश की खास कृपा होती है।
माना जाता है कि गणेशजी को पांच दूर्वा गणेशोत्सव के बुधवार सहित हर बुधवार को चढ़ाने से बुद्धि और ज्ञान के साथ ही आर्थिक पक्ष भी मजबूत होता है। हर बुधवार को भगवान गणेश की वैदिक स्तुति के तहत अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए। माना जाता है कि श्री गणेश का यह पाठ सभी दोष (धार्मिक दृष्टि) से मुक्त करता है। साथ ही जीवन के व्यावहारिक कष्टों और आने वाली बाधाओं से भी बचाता है।
पंडित शर्मा के अनुसार भक्तों को गणेशोत्सव के दौरान आने वाले बुधवार के दिन गणेश गायत्री मंत्र का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से गणेश भगवान प्रसन्न होकर सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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इसके अलावा गणपति उत्सव के बीच आने वाले बुधवार को कन्याओं को भोजन भी कराना चाहिए। साथ ही इस दिन घर के मंदिर में सफेद रंग की श्रीगणेश की मूर्ति को पूरे विधि-विधान से स्थापित करना चाहिए, मान्यता है कि ऐसा करने से दरिद्रता समाप्त होती है।
इस दिन भगवान श्रीगणेश को गाय के घी में मिला सिंदूर का तिलक लगाने के पश्चात खुद के माथे पर भी यह तिलक लगाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से गणेश जी प्रसन्न होकर कई मनोकामनाएं एकसाथ पूरी करते हैं।
इसके अलावा ऐसा करने से धन वैभव की भी प्राप्ति होने लगती है। इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को क्षमता के अनुसार कुछ ना कुछ दान अवश्य करना चाहिए।
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