हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में यह पर्व इस साल 5 नवंबर, शुक्रवार को पड़ रहा है। यह पर्व इस साल ज्यादा विशेष माना जा रहा है इसका कारण यह है इस दिन से ठीक एक दिन पहले यानी कि गुरुवार, 4 नवंबर को कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी।
मान्यता के अनुसार, शादी के लिए शुभ मुहूर्त तुलसी विवाह के दिन से ही शुरू हो जाते हैं। तुलसी विवाह का दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के आशीर्वाद के लिए विशेष माना जाता है।
वहीं कुछ ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, इस बार शुक्र अस्त होने के कारण तुलसी विवाह पर शादी के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं बन रहा है।
तुलसी विवाह के दिन भले ही विवाह के लिए कोई मुहूर्त न बन रहा हो, लेकिन मान्यता है कि इस दिन वैवाहिक जीवन के लिए किए गए उपाय अचूक माने जाते हैं। इनके संबंध में मान्यता है कि ये आपकी जिंदगी को प्यार और खुशियों से भर देते हैं। तो चलिए जानते हैं वे उपाय जो आपके वैवाहिक जीवन में भी ला देते हैं अपार प्रेम...
माना जाता है कि तुलसी विवाह के दिन शुभ मुहूर्त में पवित्र रूप से पति पत्नी को साथ नदी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद तुलसी के पत्ते तोड़कर शुद्ध जल में मिलाने चाहिए। फिर उस जल को पूरे घर में छिड़कना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से पति पत्नी के बीच हमेशा प्रेम भाव बना रहता है।
वहीं यदि पति पत्नी के बीच लगातार किसी न किसी बात पर मनमुटाव बना रहता है और बात झगड़े तक आ जाती है, तो ऐसे में तुलसी जी को लाल चुनरी पहनानी चाहिए और अगले दिन उस चुनरी को किसी विवाहिता को दान कर देना चाहिए। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से आपसी समस्त मनमुटाव दूर होने के साथ ही रिश्ते में मजबूती आती है।
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