अखंड साम्राज्य योग क्या है | Akhand samrajya yog kya hai:
- यह एक दुर्लभतम योग है। यह योग कई स्थितियों में बनता है। पहला तब बनता है जबकि कुंडली के दूसरे, दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी एक साथ केंद्र में स्थित हो।
- इसके अलावा चंद्रमा की स्थिति को ध्यान में रखकर भी बनता है। जैसे यदि दूसरे, नौवें और ग्यारहवें भाव में गुरु ग्रह बलवान चंद्र के साथ विराजमान हो तो यह योग बनता है।
- यह योग तब भी बनता है जब बृहस्पति दूसरे, पांचवें या ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है।
- यह योग केवल उन जन्म कुंडलियों में बनता है जो स्थिर लग्न वाली हो। स्थिर लग्न वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ होते हैं।
- कुंडली में गुरु ग्रह वृषभ लग्न के लिए एकादश भाव, सिंह लग्न के लिए पंचम भाव, वृश्चिक लग्न के लिए दूसरा और पंचम भाव और कुंभ लग्न के लिए दूसरा और ग्यारहवें भाव का कारक माना गया है।
कब निर्मित होगा अखंड साम्राज्य योग : 17 जनवरी 2023 को शनि ने स्वयं की राशि कुंभ राशि में प्रवेश किया है। इसके बाद 22 अप्रैल 2023 को बृहस्पति यानी गुरु ग्रह मीन से निकलकर मेष में गोचर करेंगे। शनि और गुरु के गोचर से अखंड साम्राज्य योग बन रहा है। यह योग 3 राशि वालों के बहुत ही शुभ माना जा रहा है।
मेष राशि- अखंड साम्राज्य योग का आपको भरपूर लाभ मिलेगा क्योंकि शनि एकादश भाव से और गुरु लग्न से गोचर करेंगे। यह गोचर राजयोग बहुत ही शुभ है। आपके धन में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। नौकरी में पदोन्नति और व्यापार में उन्नति के योग बन रहे हैं। यह क्षेत्र में सफलता आपके कदम चूमेगी।
मिथुन राशि- शनि आपकी राशि में नौवें भाव में और बृहस्पति भी नौवें भाव में गोचर कर रहे है। आपको भाग्य का जबरजस्त साथ मिलेगा। आपको एक और जहां शनि की ढैया से मुक्ति मिलेगी वहीं गुरु के गोचर से किस्मत के द्वार खुलेंगे। नौकरीपेशा हैं तो पदोन्नति और इंक्रीमेंट के योग बनेंगे और व्यापारी हैं तो तगड़ा मुनाफा होगा।
मकर राशि- मकर राशि को भी शनि से राहत मिल गई है। अब शनि आपकी राशि के दूसरे और गुरु आपकी राशि के दूसरे भाव में गोचर करेगा। अचानक से धनलाभ होगा क्योंकि फंसा हुआ धन मिलने की संभावन बढ़ जाएगी। मान सम्मान बढ़ेगा। लंबी यात्रा के योग बनेंगे। सभी क्षेत्र में उन्नति होगी।
from ज्योतिष https://ift.tt/H60pafo
EmoticonEmoticon