मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व:-
इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान, स्नान एवं दान करने का महत्व है।
इस दिन किए जाने वाले पितरों का तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती हैं।
इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के संकटों का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
यदि आप व्रत नहीं रख रहे हैं तो पेड़ या पौधे में जल अर्पित करें।
इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ और पूजा करने से पितरों को शांति मिलती है।
अमावस्या आरम्भ: 12 दिसंबर 2023 को 06:26 से।
अमावस्या समाप्त: 13 दिसंबर 2023 को 05:03 पर।
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन क्या करें:-
1. इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान, स्नान एवं दान करें।
2. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है।
3. इस दिन व्रत रखकर किसी पवित्र तालाब, कुंड या नदी में स्नान करने का महत्व भी है।
4. इस दिन सूर्य को अर्घ्य भी देने का महत्व है।
5. इस दिन स्नान के बाद बहती हुई नदी में जल में तिल प्रवाहित करें और गायत्री मंत्र का पाठ करें।
6. इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा रखना या करना और साथ ही उनका पूजन करना बहुत ही शुभ होता है।
7. मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत रखने से सभी तरह के संकटों का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन क्या न करें:-
1. इस दिन दिन में शयन न करें।
2. इस दिन किसी भी प्रकार का नशा न करें।
3. इस दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन न करें।
4. इस दिन वाणी पर नियंत्रण रखें और किसी को भी अपशब्द न कहें।
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