त्यौहारों की बहार लेकर आया कृष्ण जी का प्यारा भादों

जिस माह भगवान श्रीकृष्ण जी ने जन्म लिया वह भाद्रपद अथवा भादों का महीना कृष्ण कन्हैया का सबसे प्यारा महीना कहा गया है । जिस प्रकार सावन शिवजी का सबसे प्रिय महीना है वैसे ही भादों श्रीकृष्ण का प्रिय माह माना जाता है, और इस बार कृष्ण जी का प्यारा भादों त्यौहारों की बहार लेकर आया है । आगे पढिए इस भादों में 27 अगस्त से 25 सितंबर 2018 तक कौन कौन से मुख्य त्यौहार हर्षोल्लास से मनाएं जायेंगे ।


भादों माह के प्रमुख व्रत और पर्व-त्यौहार

 

1- कजली या कजरी तीज

भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की तृतीया तिथि यानी की 29 अगस्त बुधवार 2018 को कज्जली तीज का त्यौहार पूरे देश में मनाया जायेगा । इस त्यौहार में मुख्य रूप से कंवारी लड़कियां इच्छित वर की कामना से एवं विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार की खुशहाली के लिए, माता गौरी और शिवजी का विशेष पूजन करते हुए मनाती हैं ।

 

2- श्री कृष्ण् जन्माष्टमी

भादों मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि- 2 सितंबर रविवार 2018 को हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा उत्सव यानी की भगवान श्रीकृष्ण जी के जन्मोत्व पर्व कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में अनंत उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा । इस दिन कृष्ण भक्त ही नहीं बल्कि हिन्दू धर्म को मानने सभी श्रद्धालु व्रत उपवास रखकर योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण की विशेष आराधना करते हैं । इस मौके पर जन्मभूमि मथुरा में विशेष आयोजन भी किए जाते हैं, और आधी रात को कृष्ण का जन्मोत्व मनाया जाता है ।

 

3- गणेश चतुर्थी

हिन्दू धर्म एक और सबसे बड़ा महापर्व बुद्धि के स्वामी और विघ्नहर्ता गौरी नंदन श्रीगणेश जी का 10 दिन तक चलने वाला पर्व गणेश चतुर्थी भी जो कि भाद्रपद माह की शुक्लपक्ष की तिथि चतुर्थ तिथि यानी की 13 सितंबर 2018 को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है । इस दिन भगवान श्री गणेश की पूजा, उपवास व आराधना का शुभ कार्य किया जाता है । श्रद्धालु गणेश भक्त पूरे दिन उपवास रख श्री गणेश को लड्डूओं का भोग भी लगाते हैं, एवं इस दिन गणेश मंदिरों में विशेष धूमधाम रहती है ।


4- परिवर्तनी एकादशी

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि- गुरूवार 20 सितंबर 2018 को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में देवझूलनी एकादशी मनाई जायेगी । देवझूलनी एकादशी में विष्णु जी की पूजा, व्रत, उपासना की जाती है । इसे पदमा एकादशी भी कहा जाता है । इस दिन भगवान श्री विष्णु की पाषाण की प्रतिमा अथवा चित्र को पालकी में ले जाकर जलाशय से स्थान करना शुभ माना जाता है ।

 

श्री अनंत चतुर्दशी

भादों मास में आने वाले त्यौहारों में अगला महत्पूर्ण पर्व हैं अनन्त चतुर्दशी । शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी की 23 सितम्बर दिन रविवार 2018 को है । इस दिन में केवल एक बार भोजन करने का विधान हैं । यह त्यौहार भगवान श्री विष्णु के अनन्त स्वरूप पर आधारित है । इस दिन “ऊँ अनन्ताय नम:’ मंत्र का जप करने से श्री भगवान नारायण प्रसन्न होकर भक्त को मनवांछित फल प्रदान करते है ।

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