सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में भी हैं अद्भुत और खूबसूरत शिव मंदिर, जानने के लिए यहां पढ़े पूरी खबर

कहा जाता है की कहीं भी रहो लेकिन संस्कार नहीं छुटते ठीक उसी प्रकार देश हो या विदेश धरती के पास रहो या दूर संस्कार के कोई दूर नहीं होता। देश की परंपरा और रीति रिवाज नहीं छुटते। क्योंकि धर्म से जुड़ी मान्यताएं और उन्हीं से जुड़ी आस्था हमारी रगों में बस जाती है। सावन माह की शुरुआत हो चुकी है और इस माह में देशभर के सभी शिवालयों में बोलबम के जयकारों से मंदिर गुंजायमान हैं, वहीं आपको बता दें की ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर विदेशों में भी कई शिव मंदिर हैं जहां सावन माह में शिव के कुछ ऐसे धाम हैं जहां शिव पूजन का उत्साह चरम पर रहता है। आइए आपको ऐसे ही कुछ खूबसूरत मंदिर बताते हैं जहां लगते हैं भोलेनाथ के जयकारे.....

shiv mandir

यह हैं विदेशों के 13 खास शिव मंदिर और उनसे जुड़ी कुछ जानकारियां

1. शिवा हिंदू मंदिर (जुईदोस्त, एम्स्टर्डम)

लगभग 4,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला यह शिव मंदिर अद्भुत है। विदेश में स्थित इस शिव मंदिर में भगवान शिव के साथ श्री गणेश, देवी दुर्गा और हनुमानजी भी विराजमान है। यहां मंदिर में पंचमुखी शिवलिंग स्थापित है। मंदिर के कपाट भक्तों के लिए जून 2011 को खोले गए थे। मंदिर में भक्तों की भीड़ रहती है वहीं इसकी सुंदरता लोगों की आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

2. अरुल्मिगु श्रीराजा कलिअम्मन मंदिर (जोहोर बरु, मलेशिया)

मलेशिया में स्थित इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1922 में हुआ था। मंदिर के गर्भ गृह में लगभग 3,00,000 मोतियों को दीवार पर चिपकाकर सजावट की गई है। यह भव्य मंदिर की बनावट काफी सुंदर है। यह मंदिर जोहोर बरु के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। जिस भूमि पर यह मंदिर बना हुआ है। कहा जाता है की जिस भूमि पर मंदिर स्थित है वह भूमि जोहोर बरु के सुल्तान भारतीयों को भेंट की थी।

3. शिवा टैम्पल, (ज़्यूरिख़, स्विट्ज़रलैंड)

भोलेनाथ का यह मंदिर बहुत ही सुंदर है। मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग के पीछे की तरफ शिव के नटराज रुप में मुर्ति स्थापित हैं और इसी के साथ माता पार्वती शक्ति रुप में स्थापित हैं। यह मंदिर बहुत छोटा हैं परंतु बहुत खुबसुरत है। इस मंदिर में भगवान शिव से जुड़े सभी त्योहार बहुत उत्साह और धूम-धाम से मनाए जाते हैं।

4. शिवा-विष्णु मंदिर (मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया)

यह मंदिर भगवान शिव और विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर की वास्तुकला हिन्दू और ऑस्ट्रेलियाई परंपराओं का अच्छा उदाहरण है। मंदिर परिसर के अंदर भगवान शिव और विष्णु के साथ-साथ अन्य हिंदू देवी-देवताओं की भी पूजा की जाती है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 1987 के आस-पास किया गया था। मंदिर के उद्घाटन कांचीपुरम और श्रीलंका से दस पुजारियों ने पूजा करके किया था।

5. शिवा मंदिर- (ऑकलैंड, न्यूजीलैंड)

न्यूजीलैंड में शिव मंदिर की स्थापना का कारण हिंदू धर्म के प्रति आस्था बढ़ाना था। इस मंदिर का निर्माण आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी शिवेंद्र महाराज और यज्ञ बाबा के मार्गदर्शन में हुआ था। इस मंदिर में भगवान शिव नवदेश्वर शिवलिंग के रूप में है। मंदिर के कपाट 2004 में भक्तों के लिए खोले गए थे।

6. शिवा विष्णु मंदिर (लिवेरमोरे, कैलिफोर्निया)

यह मंदिर इस क्षेत्र के हिंदू मंदिरों में से सबसे बड़ा मंदिर कहा जाता है। मंदिर में आपको उत्तर भारत और दक्षिण भारत की कला का सुंदर मिश्रण है। वास्तुकला की दृष्टि से यह मंदिर एक बेहतरीन उदाहरण है। मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ भगवान गणेश, देवी दुर्गा, भगवान अय्यप्पा, देवी लक्ष्मी आदि की भी पूजा की जाती है।

7. कैलाश मानसरोवर (चीन)

मानसरोवर झील से घिरा होना कैलाश पर्वत की धार्मिक महत्ता को और अधिक बढ़ाता है। यह साक्षात शिव का निवास माना जाता है। यहां से जुड़ी कई पौराणिक मान्यताएं हैं। कैलाश पर्वत समुद्र सतह से 22068 फुट ऊंचा है तथा हिमालय से उत्तरी क्षेत्र में तिब्बत में स्थित है। चूंकि तिब्बत चीन के अधीन है अतः कैलाश चीन में आता है।

8. पशुपतिनाथ मंदिर (नेपाल)

पशुपतिनाथ का मतलब होता है संसार के समस्त जीवों के भगवान। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण लगभग 11वीं सदी में किया गया था। दीमक की वजह से मंदिर को बहुत नुकसान हुआ, जिसकी कारण लगभग 17वीं सदी में इसका पुनर्निर्माण किया गया। मंदिर में भगवान शिव की एक चार मुंह वाली मूर्ति है। इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति तक पहुंचने के चार दरवाजे बने हुए हैं। वे चारों दरवाजे चांदी के हैं। यह मंदिर हिंदू और नेपाली वास्तुकला का एक अच्छा मिश्रण है।

9. रामलिंगेश्वर मंदिर (क्वालालमपूर, मलेशिया)

यह मंदिर मलेशिया की राजधानी क्वालालमपूर में है। सन 2012 में मलेशिया सरकार ने मंदिर और आस पास का क्षेत्र मंदिर का प्रबंधन करने वाली ट्रस्ट के हवाले कर दिया। अब यह ट्रस्ट ही मंदिर का प्रबंधन और देखभाल करता है।

10. प्रम्बानन मंदिर (जावा, इंडोनेशिया)

हिंदू संस्कृति और देवी-देवताओं को समर्पित एक बहुत सुंदर और प्राचीन मंदिर इंडोनेशिया के जावा नाम की जगह पर है। 10वीं शताब्दी में बना यह मंदिर प्रम्बानन मंदिर के नाम से जाना जाता है। प्रम्बानन मंदिर शहर से लगभग 17 कि.मी. की दूरी पर है।

11. सागर शिव मंदिर (मॉरिशस)

इस शिव मंदिर का निर्माण वर्ष 2007 में किया गया है लेकिन आज यह मंदिर मॉरिशस में रहने वाले हिन्दुओं का एक पवित्र धार्मिक स्थल है। इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण इस मंदिर प्रांगण में बनी भगवान शिव की 108 फीट ऊंची कांसे की प्रतिमा है।

12. मुन्नेश्वरम मंदिर (श्रीलंका)

यह मंदिर श्रीलंका के एक गांव मुन्नेश्वर में बना है। यहां शिव के साथ-साथ देवी काली का भी मंदिर है। इस मंदिर का स्थापत्य भव्य और मनमोहक है। दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली में निर्मित इस मंदिर में साल भर श्रीलंका और भारत से लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर के इतिहास को रामायण काल से जोड़ा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रावण का वध करने के बाद भगवान राम ने इसी जगह पर भगवान शिव की आराधना की थी। इस मंदिर परिसर में पांच मंदिर हैं, जिनमें से सबसे बड़ा और सुंदर मंदिर भगवान शिव का ही है। कहा जाता है कि पुर्तगालियों ने दो बार इस मंदिर पर हमला कर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी।

13. कटास राज मंदिर (पाकिस्तान)

कटासराज मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर कटस में एक पहाड़ी पर है। कहा जाता है कि यह मंदिर महाभारत काल (त्रेतायुग) में भी था। इस मंदिर से जुड़ी पांडवों की कई कथाएं प्रसिद्ध हैं। मान्यताओं के अनुसार, कटासराज मंदिर का कटाक्ष कुंड भगवान शिव के आंसुओं से बना है। इस कुंड के निर्माण के पीछे एक कथा है। कहा जाता है कि जब देवी सती की मृत्यु हो गई, तब भगवान शिव उन के दुःख में इतना रोए की उनके आंसुओं से दो कुंड बन गए। जिसमें से एक कुंड राजस्थान के पुष्कर नामक तीर्थ पर है और दूसरा यहां कटासराज मंदिर में।



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