आगामी 13 सितंबर 2018 को शास्त्रों पूरे देश में श्रद्धा, उल्लास के साथ प्रथम पूजनीय श्रीगणेश जी का जन्मोत्सव यानी की गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जायेगा, लगातार 10 दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार को हिन्दू ही नहीं बल्कि अन्य धर्मावंलबी भी मनाते हैं । शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार ऐसी कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा के दर्शन नहीं करना चाहिए । ऐसा माना जाता है कि इस दिन आकाश में चन्द्रमा के दर्शन करने से व्यक्ति को झूठा आरोप या कलंक लग सकता है ।
पौराणिक गाथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण पर स्यमन्तक नाम की बहूमुल्य मणि को चोरी करने का झूठा आरोप लगा था । झूठे आरोप में से परेशान हो रहे भगवान श्रीकृष्ण की स्थिति देखकर, देवर्षि नारद जी ने उन्हें बताया कि भगवान कृष्ण ने भादों मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन चन्द्रमा को देख लिया था, जिसकी वजह से उनके उपर झूठा दोष का श्राप लगा है ।
देवर्षि नारद जी ने भगवान श्रीकृष्ण को कहा कि गौरी नंदन श्रीगणेश जी ने चन्द्र देव को श्राप दिया था कि जो व्यक्ति भाद्रपद शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन चन्द्रमा के दर्शन करेगा वह मिथ्या दोष से अभिशापित हो जायेगा और समाज में उसके उपर चोरी के झूठे आरोप लगने से वह कलंकित हो जायेगा । देवर्षि नारद जी की सलाह पर भगवान श्रीकृष्ण ने झूठे आरोप से मुक्ति के लिये गणेश चतुर्थी के व्रत उपवास करते हुए गणेश जी की विशेष पूजा वंदना की उसके बाद ही वे झूठे आरोप से मुक्त हो पाये थे ।
झूठे आरोप से बचने के लिए करें इस मंत्र का जप
चतुर्थी तिथि के प्रारम्भ और अन्त के समय आकाश में चन्द्रमा के दर्शन करना वर्जित होता है । हिन्दू धर्म नियमों के अनुसार गणेश चतुर्थी तिथि के दौरान चन्द्रमा का दर्शन निषेध होता है और अगर भूल से गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा के दर्शन हो जायें तो झूठे आरोप से बचने के लिये नीचे दिये गये मंत्र का जप करन से झूठे आरोप से रक्षा होती हैं ।
मंत्र
सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः ।
सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः ॥
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