भले ही आजकल के युवा भूत-प्रेत, जादू-टोने जैसी बातों को अंधविश्वास मानते हों लेकिन कहीं ना कहीं आज भी पारलौकिक शक्तियों से जुड़ी घटनाएं हमें यह सोचने के लिए विवश कर देती हैं कि क्या वाकई ऊपरी शक्तियों से जुड़ी बातें सच है। धर्म चाहे कोई भी हो लेकिन सभी धर्मों में बुरी ताकतों का उल्लेख मिलता है। किसी धर्म में इन्हें भूत-प्रेत या आत्मा कहा गया है तो कहीं इन्हें जिन्न का नाम दिया गया है। जिन्न, आत्माएं या प्रेत बताया जाता है। हाल ही में अहमदाबाद में भी एक घटना हुई जिसनें देश को झंकझोर के रख दिया। दरअसल अहमदाबाद के एक व्यापारी ने कुछ दिनों पहले अपनी पत्नी, बेटी व मां की हत्या कर खुद भी सुसाइड कर लिया और व्यपारी ने अपने सुसाइड नोट में खुद को बुरी शक्ति से प्रभावित होने का जिक्र किया। व्यापारी द्वारा यह भी लिखा गया है की यह सब उससे कोई काली शक्ति करवा रही थी। उसे सभी बुरे कार्यों को करने के लिए काली शक्ति उसे उकसा रही थी।
गरुड़ पुराण में भूत-प्रेत और मृत्यु के बाद प्राप्त होने वाली सजाओं के विषय में विस्तार से बताया गया है। हिंदू धर्म के अनुसार जातक मृत्यु के पश्चात् कुछ समय के लिए भूत योनी , प्रेत योनी व पित्र योनी को प्राप्त होता है। जो जातक असमय मृत्यु को प्राप्त होते है और उनके परिवार जन उनकी आत्मा की शांति के लिए क्रियाएं नहीं करवाते है वे भूत-प्रेत योनी में विचरण करते है व अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए पृथ्वी पर ही विचरण करते है।
वैसे तो भूत-प्रेत, काली शक्तियां अद्रश्य रुप में हमारे आसपास रहती हैं लेकिन इसके आपपास होने का अहसास सभी को नहीं होता सिर्फ कुछ ही लोग होते हैं जिन्हें इसका आभास होता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार बताया गया है की जिन जातकों के गण कमजोर होते हैं व लोग ही नकारात्मक उर्जाओं को महसूस कर सकते है व ऐसे लोगों को काली शक्तियां जल्द ही अपने प्रभाव में ले लेती हैं। इसके अतिरिक्त कभी-कभी शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति, बीमार व्यक्ति , मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति और गर्भवती महिलायें भी भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाओं के प्रभाव में आ जाते हैं।
ज्योतिष की नजर में ऐसे लोगों पर प्रभआवित होती हैं बुरी शक्तियां
ज्योतिषीय भाषा में ब्रहस्पति ग्रह पितृदोष, शनि यमदोष, चंद्र व शुक्र जल देवी दोष, राहु सर्प व प्रेत दोष, मंगल शाकिनी दोष, सूर्य देव दोष एवं बुध कुल देवता दोष का कारक होता है। इनमें से राहु, शनि व केतु ग्रह ऐसे कारक ग्रह है जो ऊपरी हवाओं से जुड़े हैं। ज्योतिष के सिद्धांत के अनुसार जब किसी व्यक्ति के लग्न, गुरु (ज्ञान), त्रिकोण (धर्म भाव) तथा द्विस्वभाव राशियों पर पाप ग्रहों का प्रभाव होता है, तब उसके ऊपरी हवाओं की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है।
काली शक्तियों से बचने के लिए रखें ये सावधानियां
1. शाम के समय घर से बाहर निकलते समय मीठा खाकर न निकलें। विशेष रूप से सफ़ेद मीठी वस्तुएं तो भूलकर भी खाकर बाहर न जाए।
2. हाथों में या बालों में महेंदी लगाकर घर से बाहर न जाएं।
3. होली, दिवाली के त्यौहार पर रात्रि को सुनसान चौराहे पर कदापि न जाए। इस दिन बहुत सी तांत्रिक गतिविधियाँ व टोटके किये जाते है।
4. भूत-प्रेत आदि की कहानियों में अधिक रूचि न लें व जितना हो सके इनके नाम से भी दूर रहें।
5. शाम के समय तेज गंध वाले परफ्यूम आदि लगाकर घर से बाहर न निकलें।
6. ऐसे स्थान आदि से दूर रहें जहां कोई तांत्रिक अनुष्ठान आदि किए जाते हो।
7. किसी चौराहे आदि पर यदि कोई टोटका आपको दिखाई दे तो चुपके से उसे अनदेखा कर निकल जाएं। टोने-टोटकों को कभी भी स्पर्श न करें व अपने पैर के नीचे न आने दें।
8. आपके सामने ही कोई व्यक्ति चौराहे पर टोटका करके जा रहा है तो आप उस चौराहे को तब तक पार न करें जब तक कि कोई अन्य व्यक्ति उस चौराहे को पार न कर लें।
(नोटः patrika.com किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है। आपको भी अंधविश्वास से दूर रहने की सलाह देता है।)
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