प्रेम को दिव्य, अलौकिक प्रफुल्लता देने वाली स्थिति कहा जाता है, प्रेम व्यक्ति में करुणा, दुलार, स्नेह की अनुभूति देता है । फिर चाहे वह भक्त का भगवान से हो, माता का पुत्र से या प्रेमी का प्रेमिका के लिए हो, सभी का अपना अपना महत्व है । ज्योतिष् विद्या के अनुसार माना जाता है कि व्यक्ति का वर्तमान जीवन, चरित्र और स्वभाव पूर्व जन्मों के अर्जित कर्मो का फल होता है, इसलिए उन्हीं स्त्री पुरषों का प्रेम विवाह होगा और सफल होगा जिनके गुण और स्वभाव एक दूसरे से मिलते होंगे । जाने ज्योतिषि विनोद रावत से प्रेम विवाह में कुंडली के कौन से ग्रह मदद करते है ।
ज्योतिषि विनोद रावत ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया कि आजकल अधिकतर युवा वर्ग ये जानना चाहता है कि उसका प्रेम विवाह होगा या नहीं, अगर आप भी इस प्रश्न का उत्तर जानना चाहते हैं तो अपनी कुंडली में छिपे प्रेम विवाह के इस गुप्त योग के बारे में जानें । अगर किसी की कंडली में प्रेम विवाह योग है तो उसे प्रेम विवाह करने से कोई भी नहीं रोक सकता है ।
1- जन्म कुंडली में विवाह कारक ग्रह पंचम के साथ संबंध बनाता हो अथवा 5 का 2, 7, 11 से संबंध हो तो प्रेम विवाह होता ही है ।
2- अगर किसी की कुंडली के सप्तम भाव का सब लॉर्ड पंचम भाव का प्रबल कार्येश हो तो प्रेम विवाह अवश्य होता हैं ।
3- किसी व्यक्ति के दोनों हाथों पर हृदय रेखा में द्वीप चिन्ह हो और शुक्र रेखा स्वास्थ्य रेखा को काटकर ऊपर जाए, निश्चय ही ऐसे व्यक्ति का अवैध प्रेम संबंध होता है ।
4- अगर किसी के हाथ की हृदय रेखा या बुध क्षेत्र पर जाए, तो उसका किसी निकट संबंधी या रिश्तेदार से प्रेम संबंध होता है और ऐसे जातक घर से भागकर प्रेम विवाह करते हैं ।
हर कोई प्रेम विवाह करने वाले जोड़े चाहते हैं कि उनका वैवाहिक जीवन बिना किसी बाधा के जीवन के अंतिम समय तक सफल रहे, हमेशा के लिए मजबूत बना रहे तो इन उपायों को जरूर करें ।
1- शुक्र देव की पूजा करें ।
2- पंचमेश व सप्तमेश की पूजा करें ।
3- पंचमेश का रत्न धारण करें ।
4- ब्ल्यू टोपाज सुखद दाम्पत्य हेतु पहनें ।
5- चन्द्रमणि वैवाहिक प्रेम प्रसंग में सफलता प्रदान करती है ।
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