बाथरुम में इस एक छोटी सी चीज़ को रखने से बढ़ती है खुशियां, नौकरी में मिलती ही पदोन्नति

आजकल हम अपने घर में सुख-समृद्धि और शांति बनाए रखने के लिए वास्तु के नियमों का ध्यान रखते हैं, और हमें अपने आसपास या घर में क्या होना चाहिए और क्या नहीं इसका जानना बहुत जरुरी होता है। लेकिन कई बार हम सभी चीज़ों का पालन करते हुए भी कुछ ऐसी छोटी-छोटी चीज़ें भूल जाते हैं हो की हमारे आसपास ही होती है और हम उन गलतियों को नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि हमें उन चीज़ों के बारे में जानकारी नहीं होती है। वहीं वास्तुशास्त्र के अनुसार ऐसे कई बातें बताई गई है जिससे हम अपने घर का वातावरण ठीक कर सकते हैं और उन्हें सकारात्मक बना सकते हैं। हमारे घर में हमारे आसपास हर तरफ ऊर्जा का प्रवाह है, जो की हम पर सीधा असर डालती है। हमारे आसपास या हमारे घर में क्या होना चाहिए और क्या नहीं, यह जानना बेहद जरूरी है। यदि घर में वास्तु दोष होते हैं तो दरिद्रता और मानसिक परेशानियों के साथ ही वैवाहिक जीवन में भी दुखों का सामना करना पड़ सकता है। इन परेशानियों से बचने के लिए घर के सभी हिस्सों के लिए वास्तु में कई उपाय बताए गए हैं। यहां जानिए बाथरूम से जुड़े कुछ उपाय, जिनसे नकारात्मक ऊर्जा दूर हो सकती हैं। हां, बाथरूम में भी वास्तु दोष हो सकता है।

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1. वास्तु के अनुसार बाथरूम में नीले रंग की बाल्टी रखना बहुत शुभ माना जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि बाथरूम में रखी बाल्टी कभी खाली न रहें, बाल्टी को हमेशा साफ पानी से भरी रहना चाहिए। ऐसा करने पर घर में समृद्धि बनी रहती है। आपको बता दें की वास्तु में नीले रंग को बहुत महत्व होता है। नीले रंग की बाल्टी- नीला रंग खुशहाली और शुभता का प्रतीक माना जाता है।

2. खड़ा नमक आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर लेता है और वातावरण को सकारात्मक बनाता है। इसलिए यदि आप अपने बाथरूम में एक कटोरी में खड़ा यानी साबूत नमक रखेंगे तो आपके घर के कई वास्तु दोष दूर हो जाएंगे। महीने में एक बार नमक को बदल लेना चाहिए।

3. हमेशा ध्यान रखें के बाथरूम के दरवाजे के ठीक सामने दर्पण न हो। इसे दरवाजे के सामने लगाने से जब-जब बाथरूम का दरवाजा खुलता है, तब-तब घर की नकारात्मक ऊर्जा बाथरूम में प्रवेश करती है। ऐसे समय पर यदि दरवाजे के ठीक सामने दर्पण होगा तो उस दर्पण से टकराकर नकारात्मक ऊर्जा पलट कर घर में आ जाती है।

4. आपको बता दें की साफ-सफाई वाले घरों में देवी-देवताओं की विशेष कृपा रहती है। हफ्ते में 2 बार दिन में कम से कम एक बार पूरा बाथरूम अच्छी तरह साफ करना चाहिए। बाथरूम यदि एकदम साफ रहेगा तो इसका शुभ असर आपकी आर्थिक स्थिति पर भी पड़ेगा।

5. बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच में कुछ दूरी रखें। बाथरूम और कमरे के फर्श के बीच दूरी बनाने के लिए थोड़ी ऊंची दहलीज बनाई जा सकती है। जब बाथरूम का दरवाजा बंद रहेगा तब दहलीज के कारण दरवाजे के नीचे से भी नकारात्मक ऊर्जा कमरे में प्रवेश नहीं कर पाएगी।

6. बाथरूम घर के नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण दिशा) में बनवाना चाहिए। बाथरूम में पानी का बहाव उत्तर दिशा की ओर रखें। अगर ये संभव न हो तो वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम दिशा) में भी बाथरूम बनवाया जा सकता है।

7. बाथरूम के आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में अग्नि से संबंधित उपकरण ना लगाएं जैसे गीजर। बाथरूम में एक बड़ी खिड़की व एक्जॉस्ट फैन के लिए अलग से रोशनदान होना चाहिए। बाथरूम में गहरे रंग की टाइल्स न लगाएं। हमेशा हल्के रंग की टाइल्स का उपयोग करें।

8. यदि बाथरूम का दरवाजा बेडरूम में खुलता हो तो उसे खुला रखने से बचना चाहिए। वैसे तो बेडरूम में बाथरूम नहीं होना चाहिए, लेकिन बेडरूम में बाथरूम है तो उसके दरवाजे पर पर्दा भी लगाना चाहिए। बेडरूम और बाथरूम की ऊर्जाओं का परस्पर आदान-प्रदान हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता।

9. नल से पानी का टपकना वास्तु में गंभीर वास्तु दोष माना जाता है, यदि आपके घर के बाथरुम में नल या किसी भी जगह नल टपकता है तो इसे तुरंत बंद करवा दें। लगातार नल का टपकना आपका आर्थिक नुकसान करवाता है।

10. दिन में जितनी भी बार आप बाथरूम का प्रयोग करते हैं, ध्यान रखे की उसका दरवाजा खुला न छूटे। बाथरूम का दरवाजा खुला रहना अच्छा नहीं माना जाता। अगर बेडरूम में भी बाथरूम है तो उसके दरवाजे पर पर्दा लगाना चाहिए। बाथरूम और बैडरूम में अलग-अलग तरह की ऊर्जाएं होती है, जिनका संपर्क में आना अच्छा नहीं होता। ऐसा होने से घर के लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।



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