जन्माष्टमी का त्यौहार एक ऐसा पर्व जिस स्वयं भगवान श्री नारायण प्राणी मात्र के दुःखों का नाश करने के लिए इस देव भूमि पर जन्म लेकर सभी का कल्याण करते हैं । अगर कोई भक्त जन्माष्टमी के दिन रात्रि में कान्हां के जन्म लेने के समय इन मंत्रों को जप श्रद्धा पूर्वक बताएं गये विध विधान से करते हैं उनकी सभी इच्छाएं कुछ समय में पूर्ण हो जाती हैं ।
1- धन प्राप्ति
- धन संपत्ति की प्राप्ति के लिए- जन्माष्टमी की रात्रि को 10 बजे 1 बजे का बीच में लड्डू गोपाल भगवान श्री कृष्ण जो कि एक बाल स्वरूप हैं, जिनके हाथों में लड्डू है ऐसे स्वरुप का धूप, दीप, पुष्प, सफेद चन्दन आदि से पूजन करें । प्रसाद के रूप में खीर अर्पित करें । पूजन करने के बाद हरे रंग के आसन पर बैठकर 15 मिनट तक पहले ध्यान करें । ध्यान के बाद शुद्ध चन्दन की माला से नीचे दिये मंत्र का 2500 बार जप करें । जब मंत्र जप पूरा हो जाएं तो भगवान् की मूर्ति या फोटों के ऊपर दूध की 7 बूंदे अर्पित करें ।
मंत्र-
।। ॐ स: फ्रें क्लीं कृष्णाय नम: ।।
2- मानसिक सुख
मधुर बंसी बजाकर सबका मन मोहने वाले बंसीबजइया कन्हैया जी का ऐसा स्वरुप जिसमें वो मनमोहक चितचोर हैं, कान्हां के बंसी बजाते हुए स्वरूप का ध्यान करते हुए, चित्र या मूर्ती को नीले रंग के वस्त्र पर स्थापित कर, धूप दीप पुष्प, कपूर, मेवे ता भोग अर्पित करें । पूजन के बाद नीले रंग के आसन पर बैठ कर चन्दन की माला से मंत्र का रात 10 से 1 बजे के बीच 2100 बार जप करें । मंत्र जप के बाद भगवान् को गाय के घी की 11 बुंदे अर्पित करें ।
मंत्र
।। ॐ श्री कृष्णाय क्लीं नम: ।।
3- क्रूर ग्रह शांति के लिए
गोवर्धनधारी श्री कृष्ण जी का ऐसा स्वरुप जिसमें वे अपनी एक छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लेते हैं । गोवर्धनधारी श्री कृष्ण का चित्र या मूर्ती को लाल रंग के वस्त्र पर स्थापित करने के बाद धूप दीप पुष्प आदि चढ़ाकर, पीले पुष्पों का हार पहनाकर माखन मिश्री का भोग लगाएं । अब लाल रंग के आसन पर बैठ कर लाल चन्दन की माला से नीचे के मंत्र का 2100 बार जप करें । मंत्र जप के बाद भगवान् को गंगाजल की 11 बूंदे अर्पित करें ।
मंत्र
।। ॐ ऐं कलौं क्लीं कृष्णाय नम: ।।
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