श्रीगणेश संहिता में भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के ऐसे शक्तिशाली प्रयोग, मंत्र, एवं स्तुती का उल्लेख किया गया है । वे उनके माध्यम से सभी तरह के दुखों को दूर किया जा सकता है । अगर किसी के जीवन में धन संबंधित परेशानियां हमेशा बनी ही रहती है, कई प्रयासों के बाद भी छुटकारा नहीं मिल पा रहा हो तो गणेशजी के इन उपायों को अपना कर धन संबंधित सभी समस्याओं का समाधान हो जाता हैं ।
वैसे तो किसी भी दिन गणेश जी आराधना की जाती सकती है, लेकिन शास्त्रों में बुधवार का दिन गणेश उपासना के लिए सर्वोत्तम दिन बताया गया इसलिए इस दिन गौरी नंदन गणराज की कृपा प्राप्त करने के लिए अपने घर में ही बुधवार के दिन रात को 8 बजे से लेकर 11 बजे के बीच स्नान करने के बाद किसी सफेद आसन या कपड़े पर बैठकर गणेश जी की इस सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाली स्तुति को कोई भी कर सकता हैं । जब तक स्तुति का पाठ चलता रहे गाये के घी का दीपक गणेश जी की मुर्ति या तस्वीर के समक्ष जलता रहे ।
बुधवार की रात करें इस शक्तिशाली स्तुति का पाठ- पैसों टेंशन हमेशा के लिए खत्म
1- वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ: ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा ॥
2- नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं ।
गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च ॥
3- एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं ।
विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम् ॥
4- विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं ।
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ॥
5- द्वविमौ ग्रसते भूमिः सर्पो बिलशयानिवं ।
राजानं चाविरोद्धारं ब्राह्मणं चाप्रवासिनम् ॥
6- गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं ।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम् ॥
7- रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष त्रैलोक्यरक्षकं ।
भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात् ॥
8- केयूरिणं हारकिरीटजुष्टं चतुर्भुजं पाशवराभयानिं ।
सृणिं वहन्तं गणपं त्रिनेत्रं सचामरस्त्रीयुगलेन युक्तम् ॥
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