
किसी भी व्यक्ति का स्वभाव उसका दर्पण होता है। स्वभाव और व्यक्ति के गुणों के आधार पर उसके बारे में आंकलन किया जा सकता है की वह कैसा व्यक्ति है। गुणी व्यक्ति को पूरी दुनिया पूजती है, वहीं अवगुणों वाला व्यक्ति हर जगह नींदा का कारण ही बनता है। ऐसे ही व्यक्ति की कुछ विशेष आदतें व उनके गुणों के आधार पर आचार्य चाणक्य ने कुछ नीतियां बताईं है, जिनसे आप व्यक्ति के बारे में पता लगाया जा सकता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार एक श्लोक में चाणक्य ने बताया है कि मनुष्य में इन चार चीजों को देखकर पता लगाया जा सकता है कि वह व्यक्ति स्वर्ग का सुख भोगकर धरती पर आया है। तो आइए आचार्य चाणक्य के श्लोक के अनुसार जानते हैं किन गुणों से अच्छे व्यक्ति का पता लगाया जा सकता है.....

1. श्लोक- स्वर्गवासि जन के सदा, चार चिह्न लखि येहि। देव विप्र पूजा मधुर, वाक्य दान करि देहि॥
आचार्य चाणक्य ने श्लोक में बताया है कि जो व्यक्ति स्वर्ग भोगकर जो धरती पर जन्म लेता है उस व्यक्ति में दान करने की भावना होती है। वह अच्छे संस्कार का होता है। क्योंकि इस संसार में दान देने से बड़ा कोई धर्म नहीं है।
2. चाणक्य ने बताया है की मधुरवाणी वाला व्यक्ति हमेशा सबका प्रिय होता है, वह व्यक्ति तीनों लोकों में स्वर्ग की आत्मा कहलाता है। अच्छे वचन बोलने से उसकी परवरिश के बारे में पता चलता है।
3. चाणक्य ने श्लोक में बताया है कि जो व्यक्ति अपने ईष्ट देवों का ध्यान और जप करता है, वह पूजनीय होता है। ऐसा व्यक्ति देवताओं के समान होता है। इससे घर-परिवार में तो शांति बनी रहती है, साथ ही उसके मूल गुणों के बारे में भी जानकारी मिलती है।
4. चाणक्य ने श्लोक के अंत में बताया है कि जो व्यक्ति गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करता है, उनको खाना खिलाता हो। ऐसा व्यक्ति बहुत महान होता है, साथ ही इससे उसके अच्छे स्वभाव व संस्कारों के बारे में पता चलता है। ऐसा व्यक्ति स्वर्ग भोगकर धरती पर जन्म लेता है।
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