
हिंदू धर्म में सोलह संस्कारों में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है विवाह संस्कार। विवाह संस्कार मानव जीवन की उन्नति के लिए बहुत ही जरुरी है। शादी की उम्र होते ही विवाह योग्य युवक-युवतियों के माता-पिता भी उनके लिए जीवनसाथी की तलाश करने में जुट जाते हैं। लेकिन कहते हैं ना जब शादी के योग बनते हैं तब सब कुछ सफलतापूर्वक हो जाता है। लेकिन कुछ लोगों की कुंडली में विवाह योग नहीं बन पाते हैं, इस स्थिति में उम्र ढलती जाती है। लेकिन ज्योतिषशास्त्र में हर समस्या का समाधान होता है। इसलिए विवाह योग के ना बनने पर भी ज्योतिषाऩुसार उपाय करने से परेशानियों का हल निकल जाता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बताए गए उपायों में से एक है रत्न शास्त्र। कुछ विशेष रत्न होते हैं जो इस मामले में आपके मददगार साबित हो सकते हैं। इन रत्नों को धारण करने से आपके जीवन में भी शहनाई बज सकती है। लेकिन किसी भी रत्न को धारण करने से पहले जानकार ज्योतिषाचार्य से अपनी कुंडली जरुर दिखवा लें, किसी भी रत्न को धारण करने से पहले कुंडली के ग्रहों की स्थिति को जानना बहुत जरुरी होता है। आइए जानते हैं इन रत्नों के बारे में…

1. पुखराज
पुखराज को धारण करने से जिन महिलाओं का विवाह नहीं हो रहा उनको लाभ मिलता है इसके साथ ही उन महिलाओं को भी लाभ मिलता है जिनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ रही हैं। लेकिन इस बात का जरुर ध्यान रखें की तुल और वृषभ राशि के जातकों को पुखराज धारण नहीं करना चाहिए।
2. रूबी
सूर्य लोगों की कुंडली में सूर्य की कमजोर स्थिति के कारण विवाह में विलंभ हो रहा हो तो उन जातकों को रूबी धारण करना चाहिए। जिससे उनके 7वें भाव में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। ऐसा करने से व्यक्ति के विवाह की राह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और सूर्य के दुष्प्रभाव भी कम होते हैं।
3. गोमेद
गोमेद को धारण करने से आपकी कुंडली के 5वें भाव में राहू मजबूत होता है। ऐसा होने से आपकी कुंडली में विवाह की संभावनाएं बढ़ने लगती हैं और राहू के दुष्प्रभाव कम होने लगते हैं।
4. हीरा
हीरे को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में शुक्र के सभी दुष्प्रभाव कम होते हैं। शुक्र का संबंध विवाह, संतान, भौतिक सुख से है। जिन जातकों की कुंडली के 7वें भाव में आप शुक्र की दशा झेल रहे हैं तो आपके विवाह में व्यवधान उत्पन्न होंगे। इसके लिए आपको हीरा धारण करना जरुरी लाभप्रद होता है।
5. नीलम
जिन राशियों का स्वामी शनि है उनके लिए नीलम धारण करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। नीलम को धारण करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन को खुशियों से भर देते हैं।
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