
कहा जाता हैं की इस कलयुग में भी हनुमान जी महाराज कण-कण में विराजमान हैं और सबकी सहायता एवं रक्षा भी करते हैं । लेकिन क्या आप जानते है कि रामभक्त हनुमान जी युगों युगों से आज भी राम जी ही नहीं बल्कि इस भगवान की रक्षा करते हैं, और बिना हनुमान जी की अनुमति के वहां पर एक चींटी भी प्रवेश नहीं कर पाती । एवं जो भी हनुमान जी के शरण में जाते हैं उनकी रक्षा का दायित्व भी वे लें लेते है । जाने आखिर हनुमान जी किस भगवान और क्यों रक्षा करते हैं ।
इनकी रक्षा करते हैं हनुमान जी
कहा जाता हैं कि हनुमान राम जी की रक्षा तो करते हैं लेकिन राम जी के अलावा वे भगवान श्री जगन्नाथ की रक्षा भी करते हैं । सुनकर बड़ा अजीब सा लगेगा की आखिर नाथों के नाथ जगतपति श्री जगन्नाथ को किससे डर लगता है, जो उन्होंने स्वयं राम भक्त महाबली श्री हनुमान जी को अपनी रक्षा के लिए पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर में नियुक्त किया है, और इस पावन धाम में हनुमान जी की अनुमति लेकर ही प्रवेश करने की परम्परा हैं । पुरी का जगन्नाथ धाम चार धामों में से एक है । यहां स्वयं भगवान श्री जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ निवास करते हैं । हिन्दुओं की प्राचीन और पवित्र 7 नगरियों में पुरी उड़ीसा राज्य के समुद्री तट पर स्थापित हैं ।
हनुमान जी इससे करते हैं भगवान की रक्षा
कहा है कि भगवान श्री जगन्नाथ जी के मंदिर को समुद्र ने 3 बार तोड़ दिया था, श्री जगन्नाथ मंदिर के इतिहास में ऐसा उल्लेक मिलता हैं । समुद्र का जल मंदिर सहित पूरे शहर में प्रवेश कर जाता था जिससे सभी नगरवासी परेशान होते थे, जब नगरवासियों ने भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना की और महाप्रभु जगन्नाथ जी समुद्र से मंदिर औऱ शहर की रक्षा के लिए श्रीराम भक्त महाबली श्री हनुमानजी को नियुक्त किया था, तब से ही हनुमान जी पुरी नगर के द्वार पर रक्षा करने लगे, तभी से भगवान के दर्शन के लिए हनुमान जी अनुमति लेना अनिवार्य माना जाता हैं । आज भी जगन्नाथपुरी के समुद्र तट पर बेदी हनुमान का प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है, जो भक्त भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन करने आते वे सबसे पहले हनुमान जी के दर्शन कर अनुमति लेकर ही आगे प्रवेश करते है ।
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