शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास से हिंदु धर्म का नववर्ष प्रारंभ होता है, चैत्र मास से लेकल फाल्गुन मास तक कुल 12 महीना होते हैं । इन सभी महीनों का अपना अपना महत्व होता हैं, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हिंदु नववर्ष की शुरुआत मार्च-अप्रैल माह में होती है जिसे गुड़ी पड़वा कहा जाता है, जाने इन महीनों की महिमा औऱ महत्व ।
1- चैत्र मास- हिन्दू कैलेंडर का ये पहला महीना है, चैत्र महीने के पहले दिन उत्तरी भारत, मध्य भारत में चैत्र के पहले दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है । वहीं महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, तमिलनाडु में चैत्री विशु और कर्नाटका एवं आंध्रप्रदेश में उगादी जैसे त्योहार मनाए जाते हैं ।
2- बैसाख मास- बैसाख का महीना हिन्दू कैलेंडर का ये दूसरा महीना है जो अप्रैल-मई महीने में आता है । बैसाख में पंजाब में किसान भाई कटाई का पर्व बैसाखी काफी धूमधाम से मनाते है । बैसाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध के जन्मोत्सव बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता हैं ।
3- जयेष्ठ मास- हिन्दू कैलेंडर का ये तीसरा महीना है जो मई-जून में आता है । जयेष्ट मास में अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाते है । इसके अलावा दशमी के दिन गंगा दशहरा एवं जयेष्ट माह की शुक्ल पक्ष एकादशी को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है और इसी महीने में वट पूर्णिमा या वट सावित्री की व्रत पूजा होती है ।
4- अषाढ़ मास- अषाढ़ का महीना हिंदू कैलेंडर का यह चौथा महीना होता है जो जून-जुलाई महीने में आता है । अषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा का महापर्व मनाया जाता है, और अषाड़ मास में ही देव शयनी एकादशी भी आती है ।
5- श्रावण मास- श्रावण का महीना हिन्दू कैलेंडर के पांचवा एवं सबसे पवित्र महीना माना जाता है जो जुलाई-अगस्त महीने में आता है । श्रावण महिना भगवान शिव जी को समर्पित है और इसी महीने से अनेकों बड़े पर्व त्यौहार शुरू हो जाते है । श्रावन मास की पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन मनाने के साथ कावण यात्रा निकाली जाती है ।
6- भाद्रपद मास- भाद्रपद हिन्दू कैलेंडर का छठवां महीना है जो अगस्त-सितम्बर महीने में आता है और इसी महीने में भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है । इसके अलावा भी हरितालिका तीज, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी, अष्टमी के दिन राधा अष्टमी और अनंत चतुर्दशी भी इसी महीने होती है। इसी महीने पितृ पक्ष की भी शुरुआत होती है ।
7- आश्विन मास- आश्विन का महीना हिंदु कैलेंडर का सातवां महीना होता है जो सितम्बर-अक्टूबर महीने में आता है । आश्विन मास में ही शारदीय नवरात्रि, दुर्गापूजा, कोजागिरी पूर्णिमा, विजयादशमी दशहरा जैसे बड़े पर्व उत्सव मनाए जाते हैं ।
8- कार्तिक मास- हिन्दू कैलेंडर का आठवां महीना कार्तिक का होता है जो अक्टूबर-नवम्बर महीने में आता है । कार्तिक मास में गोबर्धन पूजा, भाई दूज, कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयंती एवं इसी मास से देव उठनी एकादशी से शुभ कार्यों का शुभारंभ होता हैं ।
9- अगहन मास- अगहन का महीना हिन्दू कैलेंडर का नवां महीना होता है जो नवम्बर –दिसम्बर महीने में आता है । अगहन मास में वैकुण्ठ एकादशी मनाने के साथ इसी माह में अन्नपूर्णा माता की पूजा भी की जाती है ।
10- पौष मास- हिन्दू कैलेंडर का दसवां महीना पौष का है जो दिसम्बर-जनवरी के समय आता है । पौष मास में चहु ओर जिसमें अत्याधिक ठण्ड पड़ती है । इसी माह संकट चौथ, लौहड़ी, पोंगल एवं मकर संक्राति जैसे कई त्यौहार मनाये जाते है ।
11- माघ मास - हिन्दू कैलेंडर का ग्यारहवां महीना माघ का होता है जो जनवरी-फरवरी महीने में आता है । माघ मास में बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि, रथ सप्तमी जैसे त्यौहार भी मनाये जाते है ।
12- फाल्गुन मास- हिन्दू कैलेंडर का बारहवां और अंतिम मास होता है जो फरवरी- मार्च महीने में आता है । फाल्गुन मास में रंगों का सबसे बड़ा त्यौहार होली को बड़ी धूमधाम से मनाई जाती एवं शीतलाष्टमी भी मनाई जाती है ।
इसके अलावा पुरषोत्तम माह अधिक मास भी होता जो हिन्दू कैलेंडर में एक अतिरिक्त बहुत ही महत्तवपूर्ण माना जाता हैं ।
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