हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की तिथि भगवान शिव को समर्पित मानी जाती है. इस दिन भक्त शिव चतुर्दशी का व्रत करते हैं। इस दिन शिव जी की पूजा के लिए खास विधि विधान बताए गए हैं। वैशाख महीने का शिव चतुर्दशी व्रत 3 मई (शुक्रवार) को पड़ रहा है।
कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि से मुक्त हो जाता है। इस व्रत में में माता पार्वती, गणेश जी कार्तिकेय और शिवगणों की पूजा होती है।
पूजा शुरू करने से पहले करें अभिषेक
कहा जाता है कि पूजा प्रारंभ करने से पहले भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। अभिषेक में जल, दूछ दही, शुद्ध घी, शक्कर, गंगाजल और गन्ने के रस को शिवलिंग पर अर्पित किया जाता है।
अभिषेक कराने के बाद करें ये काम
अभिषेक कराने के बाद भांग, धतूरा और श्रीफल से भोलेनाथ को भोग लगाया जाता है। इस दिन पूरा दिन उपवास रहकर व्रत का पालन करना चाहिए
व्रत के नियम
कहा जाता है कि शिव चतुर्दशी का व्रत करने वाले लोगों को केवल एक समय भोजन करना चाहिए। सुबह नित्यकर्म के बाद संकल्प लेकर शिव जी की पूजा करें। पूजा में भांग, धतूरा और बेलपत्र का विशेष महत्व देना चाहिए। शिव मंत्रों का जाप शिव मंदिर में ही करना चाहिए। अगर घर में करना है तो पूर्व भाग में बैठकर करना चाहिए, ऐसे करने से अत्यंत शुभ फल प्राप्त होता है। व्रत पूरा होने के बाद पहले ब्राह्मण को भोजन कराएं, उसके बाद खुद भोजन करना चाहिेए।
रात्रि में करें इस मंत्र का जाप
शंकराय नमसेतुभ्यं नमस्ते करवीरक
त्र्यम्बकाय नमस्तुभ्यं महेश्र्वरमत: परमनमस्तेअस्तु महादेवस्थाणवे च ततछ परमू
नमः पशुपते नाथ नमस्ते शम्भवे नमः
नमस्ते परमानन्द नणः सोमार्धधारिणे
नमो भीमाय चोग्राय त्वामहं शरणं गतः
शिव चतुर्दशी करने से पाप होते हैं नष्ट
कहा जाता है कि जो भी भक्त इस व्रत को श्रद्धाभाव से करते हैं उनके माता-पिता के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इस व्रत को करने वाले जीवन में संपूर्ण सुखों का भोग करता है।
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