हिन्दुस्तान में शायद ही ऐसा कोई मंदिर होगा, जहां भगवान की पूजा नहीं होती होगी। शायद जवाब मिलेगा कि हर जगह पूजा होती है। लेकिन आज हम आपको बताएंगे ऐसे मंदिर के बारे में जहां भगवान की पूजा नहीं होती है, सिर्फ दर्शन किए जाते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि उड़ीसा के पुरी में मौजूद भगवान जगन्नाथ की पूजा नहीं की जाती है। यहां भक्त सिर्फ उनके दर्शन करने आते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु जब चारों धाम की यात्रा पर गए थे, तब उन्होंने हिमालय की ऊंची चोटियों पर बने अपने बद्रीनाथ धाम में स्नान किया था।
इसके बाद वहां से वे द्वारका में वस्त्र धारण किए थे। कहा जाता है कि वे पुरी में निवास करने लगे। माना जाता है कि यहां वे जग के नाथ बन गए। यही कारण है कि आज भी उन्हें जगन्नाथ के रूप में माना जाता है।
जगन्नाथ धाम चार धामों में से एक है। यहां पर जगन्नाथ के साथ-साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा भी विरजमान हैं। यहां पर भगवान विष्णु ही जगन्नाथ के रूप में हैं। पुरी में जगन्नाथ के साथ-साथ बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां काष्ठ की हैं।
बताया जाता है कि प्रतिमा को 12 साल में एक बार नया कलेवर दिया जाता है और इन मूर्तियों का निर्माण किया जाता है। बताया जाता है कि उन मूर्तियों का आकार और रूप वैसा ही रहता है। ऐसा कहा जाता है कि इन मूर्तियों की पूजा नहीं होती, सिर्फ उन्हें दर्शन करने के लिए रखा गया है।
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