भारत को मंदिरों का देश कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए। यहां एक दो नहीं... लाखों-करोड़ों में मंदिरें स्थापित हैं। कुछ ऐसी भी मंदिरे हैं जो अपने चमत्कार के लिए पूरे विश्व में मशहूर हैं तो कुछ मंदिरें बेशुमार दौलत को लेकर। आज हम ऐसे ही दो मंदिरों के बारे में बात करेंगे जो भारत के सबसे अमिर और चमत्कारिक मंदिर हैं। आइये जानते हैं इन मंदिरों के बारे में....
पद्मनाभस्वामी मंदिर
भारत में जब भी धनी मंदिरों के बारे जिक्र होता है ति पद्मनाभस्वामी मंदिर मंदिर का जिक्र जरूर होता है। इस मंदिर में भगवान विष्णु के मंदिर स्थापित है। बताया जाता है कि इस मंदिर की देखरेख त्रावणकोर परिवार प्राचीन काल से ही करते आ रहा है। 2011 में इस मंदिर की ख्याति पूरे विश्व में पहुंच गई जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मंदिर के खजाने खोलने को कहा था।
Jwalamukhi mandir" src="https://new-img.patrika.com/upload/2019/05/25/padma_4620222-m.jpg">गौरतलब है कि इस मंदिर के नीचे कुछ 6 तहखाने हैं, जिनमें से पांच तहखानों को खोला गया था, जहां से तकरीबन एक लाख करोड़ से ज्यादा का खजाना मिला था। जबकि छठा तहखाना आज तक नहीं खोला गया। कहा जाता है कि अगर छठा तहखाना खोला गया तो पृथ्वी पर सर्वनाश हो जाएगा। शायद इसी डर से इस तहखाना को नहीं खोला गया। माना जाता है कि इस चमत्कारिक मंदिर के दर्शन मात्र से सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
ज्वालामुखी मंदिर
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से लगभग 30 किमी दूर नागरकोट में स्थित ज्वालामुखी मंदिर में बिना घी और बाती के 24 घंटे लगातार ज्वाला जलती है। बताया जाता है कि इस मंदिर की खोज पांडवों ने की थी। मान्यता है कि अग्निकुंड में आत्मदाह करने के बाद माता सती की जीभ यहीं पर गिरी थी। इस मंदिर की महिमा कुछ ऐसी है कि मुसलमान होने के बावजूद बादशाह अकबर ने भी यहां माथा टेका था। कई वर्षों से इस मंदिर में जल रहे ज्योति को बुझाने की बहुत कशिश की थी लेकिन वो नाकाम रहे। मंदिर की महिमा का पता लगाने की कोशिश वैज्ञानिकों ने भी लेकिन आज तक मंदिर की महिमा को पता नहीं लगा सके और ज्वाला माई के महिमा के आगे विज्ञान भी हार मान चुका है।
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