सूर्य और चंद्रमा ही ऐसे देवता हैं, जिन्हें हम प्रत्यक्ष देखते हैं और उनकी पूजन करते हैं। इसका उल्लेख हमारे शास्त्रों में भी किया गया है। शास्त्रों के मुताबिक, अगर हम सबुह-सुबह सूर्य की पहली किरण के साथ भगवान भास्कर को अर्ध्य देते हैं, तो जीवन में कभी भी किसी प्रकार की बाधा नहीं आती है।
मान्यता है कि अर्ध्य देने का साथ-साथ जो लोग भगवान भास्कर के लिए हर दिन सुबह में इस मंत्र का जाप करते हैं, उन्हें राजयोग की प्राप्ति होती है। अगर इसे सही तरीके से नहीं करेंगे तो इसका कोई फायदा भी नहीं होगा। अर्ध्य देने से पहले सूर्य को प्रणाम करें फिर इस मंत्र का जाप करें....
कनकवर्णमहातेजं रत्नमालाविभूषितम्
प्रातः काले रवि दर्शनं सर्व पाप विमोचनम्
इसके बाद हर दिन सुबह-शाम माता-पिता के चरण स्पर्श करें और उनका आशीर्वाद लें। इसके अलावे अगर आप सूर्य ग्रह की शांति चाहते हैं तो बिल्व पत्र की जड़ को रविवार को गुलाबी धागे से पीली धातु के कवर में धारण करें। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य नीच का होता है, उसे ये काम अवश्य ही करना चाहिए।
सुब उठकर क्या करें
- सूर्य ग्रह की शांति के लिए बिल्व पत्र की जड़ को रविवार को गुलाबी धागे से पीली धातु के कवर में धारण करें।
- घर की पूर्व दिशा में किसी प्रकार का वास्तुदोष नहीं होना चाहिए। उसे साफ और सुंदर रखें।
- बंदर और गाय को भोजन कराएं।
- गुड़ का दान अवश्य ही करें।
- हर दिन सुबह-शाम माता-पिता का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
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