khandit shivling: खंडित मूर्ति की नहीं लेकिन खंडित शिवलिंग की होती है पूजा, जानें क्यों

भगवान शिव की दो रूपों में पूजा की जाती है। एक मूर्ति पूजा और दूसरी शिवलिंग पूजा, वैसे तो इन दोनों की पूजा श्रेष्ठ मानी जाती है। लेकिन शिवलिंग की पूजा सर्वश्रेष्ठ होती है। घरों में मंदिरों में अधिकतर शिवलिंग की ही पूजा की जाती है। शिवलिंग की पूजा करने से जातक के सभी दुख दूर हो जाते हैं और उसे पुण्य प्राप्त होता है। शिवलिंग की पूजा करते समय बहुत सी सावधानियां बरतनी पड़ती है और व्रत रखते समय भी। इन्हीं बातों के बीच एक बात याद रखें की यदि आपका शिवलिंग खंडित हो जाता है तो आप उसकी पूजा कर सकते हैं। वैसे तो शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां घर में नहीं रखना चाहिए, परंतु शिवलिंग को घर में रख सकते हैं और पूजा भी कर सकते हैं। ऐसा क्यों आइए जानते हैं....

 

shivling pooja

शास्त्रों के अनुसार इसलिए खंडित नहीं माने जाते शिवलिंग

शास्त्रों में अनुसार शिव जी ब्रह्मरूपी है और शिवलिंग को शिव का निराकार रूप कहा गया है। उनका कोई आकार नहीं है वे निराकार हैं। इसलिए शिवजी का प्रतीक शिवलिंग कहीं से टूट जाने पर भी वह खंडित नहीं माना जाता। शिवलिंग यदि खंडित हो जाए तो वह हमेशा ही पवित्र और पूजनीय माना जाता है। उसकी हम प्रतिदिन पूजा कर सकते हैं। माना जाता है की शिवलिंग यदि बहुत ज्यादा टूट गया है तब भी वह पूजनीय होता है। क्योंकि महादेव का ना तो आदि है और ना ही अंत।

 

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शिवलिंग से जुड़ी अन्य खास बातें

- शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग का पूजन किसी भी दिशा से किया जा सकता है लेकिन पूजन करते वक्त भक्त का मुंह उत्तर दिशा की ओर हो तो वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

- शिवलिंग के पास हमेशा ही गोरी व गणेश की मूर्ति होनी चाहिए, शिवलिंग कभी भी अकेले ना रखें।

- शिवपुराण के अनुसार घर में ज्यादा बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए, शिवलिंग हमारे अंगूठे के पहले पोर से बड़े आकार के बराबर होना चाहिए।

- यदि घर में शिवलिंग रखना है, तो पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।

- शिवलिंग का पूजन करते समय भक्त का मुंह उत्तर दिशा की ओर हो तो वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

- शिवलिंग का हर रोज सुबह-शाम पूजा जरूर करें, यदि संभव ना होतो दिपक जरूर जलाएं।



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