सावन सोमवार : घर बैठे कीजिये महादेव के जुड़वा रूप के दर्शन

सावन के पावन महीने ( month of sawan ) में श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा अर्चना कर रहे हैं। भगवान शिव ( Lord Shiva ) को प्रसन्न करने के लिए मंदिरों में जा रहे हैं और उनके दर्शन कर रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एक छत के नीचे महादेव के दो रूपों का दर्शन होता है। यही नहीं, इस मंदिर में दो-दो नंदी भी हैं।

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यह मंदिर गुजरात ( Gujarat ) के नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। कहा जाता है कि यहां पर जो भी श्रद्धालु धनेश्वर और लोकेश्वर के दर्शन कर लेता हैं, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। दरअसल, यहां महादेव के एक रूप को धनेश्वर जबकि दूसरे को लुकेश्वर के नाम से पुकारा जाता है।

मान्यता के अनुसार, धनेश्वर महादेव की स्थापना स्वयं कुबेर ने की थी। पौराणिक कथा के अनुसार, जब रावण ने कुबेर से सोने की लंका छीन ली थी, तब कुबेर ने उसे वापस पाने के लिए भगवान शिव की तपस्या की थी। भगवान शिव के उसी रूप के भक्त धनेश्वर नाम से पूजते हैं। बताया जाता है कि यहां पर विराजमान लोकेश्वर महादेव मंदिर भी उतना ही प्राचीन है, जितना धनेश्वर महादेव।

लोकेश्वर महादेव

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने भस्मासुर नामक दैत्य को वरदान दिया था कि जिस पर वह हाथ रख देगा वह भस्म हो जाएगा। वरदान मिलने के बाद भस्मासुर शिव के पीछे दौड़ गया। बताया जाता है कि भगवान शिव नर्मदा नदी के किनारे स्थित झाड़ियों में छिप गए थे। तब भगवान विष्णु ने स्त्री रूप धारण कर छल पूर्वक भस्मासुर का हाथ उसी के ऊपर रखवा दिया, जिससे भस्मासुर भस्म हो गया। उसी वक्त में भगवान शिव को लोकेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।

पितृदोष से मिलता है छुटकारा

यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि महादेव के अनोखे रूप के दर्शन मात्र से ही शांति मिलती है। सबसे बड़ी बात ये है कि यहां पर ब्राह्मणों को भोजन कराने से हर तरह के पितृदोषों से छुटकारा मिल जाता है।



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