कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस पर्व मानाया जाएगा। धनतेरस पूजा के साथ ही पांच दिवसीय दीपावली पर्व की शुरूआत हो जायेगी। इस दिन आरोग्य के देवता भगवान धनवन्तरि के अलावा, माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर का पूजा की जाती है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन प्रदोष काल में पूजा करने से धनधान्य की कभी कमी नहीं होगी। पूजा के साथ इस दिन ये छोटा सा उपाय करने से धन कुबेर की विशेष कृपा बनी रहती है।
25 अक्टूबर को है धनतेरस, जानें पूजा विधि एवं सही शुभ महूर्त
धनतेरस का महत्व
इस दिन नये उपहार, सिक्का, बर्तन व गहनों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। शुभ मुहूर्त समय में पूजन करने के साथ सात धान्यों- गेंहूं, उडद, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर आदि का पूजन किया जाता है। इस दिन पूजा में भोग लगाने के लिये सफेद मिष्ठान्न का प्रयोग किया जाता है। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी व श्रीगणेश जी की चांदी या अन्य छोटी नवीन प्रतिमा, तस्वीर घर, कार्यालय, व्यापारिक स्थल आदि में स्थापित करने से धन एवं सफलता में वृद्धि होने लगती है। इस दिन बर्तनों की खरीदारी करने से 13 गुणा वृद्धि होती है। इस दिन सूखे धनिया के बीज खरीद कर घर में रखने से भी धन संपदा में वृद्धि होती है।
अगर चाहिए लंबी उम्र के साथ भरपूर लक्ष्मी तो धनतेरस को कर लें ये काम
प्रदोष काल में धनतेरस पूजा का शुभ महूर्त
- प्रदोष काल का समय शाम 5 बजकर 38 मिनट से रात 7 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
- स्थिर लग्न- वृषभ, रात्रि 7 बजकर 1 मिनट से रात 9 बजे तक रहेगा ।
- धनतेरस की पूजा के लिए उपयुक्त शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 32 मिनट से रात 10 बजकर 36 मिनट के बीच तक रहेगा।
करें यह उपाय- प्रदोष काल में इस मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान धन कुबेर का पंचोपचार पूजन करें। पूजन के तुरंत बाद पूजा स्थल पर आटे से बने 10 दीपक जलावें। अब इनमें से 5 दीपक उठाकर किसी पीपल वृक्ष के नीच रख दें और पीपल की 7 परिक्रमा करके अपनी मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करें।
ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये
धन-धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।।
*****
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2Bv4qbi
EmoticonEmoticon