मां लक्ष्मी के इन स्वरुपों की करें पूजा, वाहन, आयु, संतान सहित सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा की जाती है। सभी अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिये व्यक्ति लक्ष्मी जी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करता है। इस दिवाली यदि आप देवी लक्ष्मी के अष्टलक्ष्मी स्वरुप की पूजा करते हैं तो आपको मनोकामना पूर्ति के साथ-साथ घर में लक्ष्मी का वास रहेगा। शास्त्रों में बताया गया है कि यदि आपको लक्ष्मी प्राप्त करनी है तो अष्टलक्ष्मी रहस्य जानना बहुत ही आवश्यक है। लेकिन अष्टलक्ष्मी की मनोकामना अनुसार कैसे आराधना करनी है आइए जानते हैं...

 

[MORE_ADVERTISE1]मां लक्ष्मी के इन स्वरुपों की करें पूजा, वाहन, आयु, संतान सहित सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी[MORE_ADVERTISE2]

- स्थिर लक्ष्‍मी
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के स्थिर लक्ष्मी स्वरूप की पूजा करेंगे तो आपका धन-धान्य से भंडार भर जाएगा। दीपावली के दिन स्थिर लक्ष्मी स्वरुप की पूजा करने से देवी लक्ष्मी की अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्त होती है। वास्‍तव में मां का यह स्‍वरूप अन्‍नपूर्णा देवी के घर में स्‍थाई निवास की पद्धति है।
जपें ये मंत्र: ऊं अन्‍न लक्ष्‍म्‍यै नम:।।

- आयु लक्ष्‍मी
यदि आप रोगग्रस्त हैं या मानसिक रुप से परेशान हैं तो आप मां लक्ष्‍मी के आयु लक्ष्मी स्‍वरूप की पूजा जरुर करें। इससे आपको दीर्घायु की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही आपके सभी प्रकार के रोगों से आपको मुक्ति भी मिलेगी।
जपें ये मंत्र: ऊं सौभाग्‍यलक्ष्‍म्‍यै नम:।।

- वाहन लक्ष्‍मी
अगर आप बहुत समय से वाहन खरीदने के बारे में सोच रहे हैं और आप असफल हो रहे हैं या कोई ना कोई अड़चन आ जाती है तो मां लक्ष्मी के वाहन लक्ष्मी स्वरुप की पूजा जरुर करें। आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी हो जाएगी।
जपें ये मंत्र: ऊं वाहन लक्ष्‍म्‍यै नम:।।

- संतान लक्ष्‍मी
देवी मां के संतान लक्ष्मी स्वरुप की पूजा करने से संतान की कामना करने वाले जातकों की गोद भर जाती है। इस लक्ष्‍मी की पूजा करने से मां लक्ष्मी संतानहीनता दूर कर देती हैं।
जपें ये मंत्र: मंत्र: ऊं भोगलक्ष्‍म्‍यै नम:।।

- गृह लक्ष्‍मी
दिवाली के दिन लक्ष्मी जी के इस स्वरुप की पूजा करने से खुद का घर बनने के योग बनते हैं। लक्ष्‍मी जी का ये स्वरुप व्यक्ति की स्वयं के घर की इच्छा पूरी करता है। गृह लक्ष्मी की पूजा करने से की पूजा करने से घर के निर्माण में आ रही कठिनाईयों से मुक्ति मिलती है।
मंत्र: ऊं योगलक्ष्‍म्‍यै नम:।।

- यश लक्ष्‍मी
मां लक्ष्‍मी के इस स्‍वरूप की पूजा करने से व्‍यक्ति को समाज में सम्‍मान, यश और ऐश्‍वर्य की प्राप्ति होती है। इनकी आराधन करने से व्‍यक्ति में विद्वता और विनम्रता आती है। अन्‍य लोग जो शत्रुता रखते हों, उनका व्‍यवहार भी प्रेममय हो जाता है।
जपें ये मंत्र: ऊं विद्यालक्ष्‍म्‍यै नम:।।

- सत्‍य लक्ष्‍मी
मां लक्ष्‍मी के इस स्‍वरूप की पूजा करने से मनोनुकूल पत्‍नी की प्राप्ति होती है। या पत्‍नी पहले से है तो आपके अनुकूल हो जाती है। वह मित्र सलाहकार बनकर जीवन में पूर्ण सहयोग देती है। पत्‍नी की सलाह-मशविरा से न सिर्फ आप घर बल्कि व्‍यापार में नए कीर्तिमान स्‍थापित कर सकते हैं।
जपें ये मंत्र: ऊं सत्‍यलक्ष्‍म्‍यै नम:।।

[MORE_ADVERTISE3]

from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2PjD7ci
Previous
Next Post »