कुल 12 राशियां होती है और सभी राशियों के जातकों की कुंडली में अच्छे बुरे योग बनते रहते हैं। अगर किसी की कुंडली में कोई दोष हो जिस कारण जीवन में परेशानी हो रही हो और अनेक उपाय करने के बाद भी लाभ नहीं मिल रहा हो तो सभी बारह राशि के जातक अपनी राशि के अनुसार इन राशि के रत्नो के धारण करें तो उन्हें शीघ्र लाभ मिलने लगेगा। जानें किस राशि के जातक कौन से रत्न को पहनकर अपनी समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।
1- मेष राशि का स्वामी मंगल, सिंह राशि का स्वामी है सूर्य और धनु राशि का स्वामी बृहस्पति है। इस कुंडली के जातक को हनुमान जी की आराधना, मंगल के व्रत, सूर्य चालीसा, आदित्य-हृदय स्त्रोत, राम रक्षा स्त्रोत, रविवार का व्रत, गुरुवार का व्रत एवं विष्णु जी का पूजन करने के साथ मूंगा, माणिक्य और पुखराज आदि रत्नों को पहनना चाहिए।
2- वृषभ राशि का स्वामी शुक्र, कन्या राशि का बुध और मकर राशि के स्वामी शनि देव है। वृषभ लग्न वालों के लिए लक्ष्मी जी, गणेश जी और मां दुर्गा की आराधना करने के साथ लक्ष्मी चालीसा, दुर्गा चालीसा और गणेश चालीसा का पाठ करना चाहिए। इस लग्न के लिए शुक्रवार के दिन हीरा रत्न धारण करना चाहिए।
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3- मिथुन राशि का स्वामी बुध, तुला राशि का शुक्र और कुंभ राशि का स्वामी शनि देव है। इन लग्न के लिए गणेश जी, लक्ष्मी देवी और काली माता की उपासना करने के साथ पन्ना, हीरा और नीलम रत्न पहनना अनुकूल होता है।
4- कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा, वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति होते हैं। इस लग्न के लिए शिव जी, हनुमान जी और विष्णु जी अराध्य देव होते हैं। इस लग्न के लिए मोती, मूंगा और पुखराज रत्न पहनना अनुकूल है।
5- सिंह राशि का स्वामी सूर्य देव, धनु राशि के स्वामी बृहस्पति और मेष राशि का स्वामी मंगल होता है । इस लग्न के लिए सूर्य देव, विष्णु जी और हनुमान जी आराध्य देव होते है, और इस लग्न के लिए माणिक्य, मूंगा और पुखराज रत्न अनुकूल होते हैं।
6- कन्या राशि का स्वामी बुध, मकर राशि का स्वामी शनि और वृषभ राशि का स्वामी शुक्र होता है। इस लग्न के लिए गणेश जी, दुर्गा देवी, लक्ष्मी देवी आराध्य देव होते हैं और पन्ना, नीलम और हीरा अनुकूल रत्न होते हैं।
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7- तुला राशि का स्वामी शुक्र, कुम्भ राशि का स्वामी शनि और मिथुन राशि का स्वामी बुध होता है। इस लग्न के लिए लक्ष्मी, काली, दुर्गा और गणेश जी आराध्य देव हैं और हीरा, नीलम और पन्ना अनुकूल रत्न है।
8- वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल, मीन राशि का स्वामी वृहस्पति और कर्क राशि का स्वामी चन्द्रमा होता है । इस लग्न के लिए हनुमान जी, विष्णु जी और शिव जी अराध्य देव होते हैं और मूंगा, पुखराज और मोती अनुकूल रत्न है।
9- धनु राशि का स्वामी वृहस्पति, मेष राशि का स्वामी मंगल और सिंह राशि का स्वामी सूर्य होता है। इस लग्न के लिए विष्णु जी, हनुमान जी और सूर्य देव आराध्य देव है और पुखराज, मूंगा और माणिक्य अनुकूल रत्न है।
10- मकर राशि का स्वामी शनि, वृषभ राशि का स्वामी शुक्र और कन्या राशि का स्वामी बुध होता है। इस लग्न के लिए शनि देव, हनुमान जी, मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और गणेश जी आराध्य देव है और इनके लिए नीलम, हीरा और पन्ना रत्न उत्तम रत्न है।
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11- कुम्भ राशि का स्वामी शनि, मिथुन राशि का स्वामी बुध और तुला राशि का स्वामी शुक्र होता है। इस लगन के लिए शनि देव, मां काली, गणेश जी, मां दुर्गा और मां लक्ष्मी जी आराध्य देव है और इन्हें नीलम, पन्ना और हीरा रत्न धारण करना चाहिए।
12- मीन राशि का स्वामी बृहस्पति, कर्क राशि का स्वामी चन्द्र और वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल होता है। इस लग्न के लिए विष्णु जी, शिव जी और हनुमान जी आराध्य देव है और इनके लिए पुखराज, मोती और मूंगा रत्न अनुकूल रत्न है।
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