26 दिसंबर को पौष मास की अमावस्या तिथि है। शास्त्रों में मान्यता है कि पौष मास की अमावस्या के दिन पूर्वज पितरों की दिवंगत आत्मा के निमित्त पितृकर्म किए जाए तो वे प्रसन्न होकर अपनी संतानों की सभी इच्छाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद देते हैं। अगर आप अपने पित्रों की सुक्ष्म रूप से कृपा पाना चाहते हैं तो पौष मास की इस पितृकर्म अमावस्या के दिन नीचे दिए उपाय जरूर करें।
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1- पौष मास की अमावस्या तिथि के दिन शाम को एक सरसों के तेल, या गाय के घी का दीपक दक्षिण मुखी लौ करके पितृ के निमित्त जलावें।
2- पौष मास की अमावस्या तिथि को अपने पूर्वज पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म या दान जरूर करें। सभी रूके कार्य पूरे होने लगेंगे।
3- पौष मास की अमावस्या तिथि के दिन पितृ सूक्त पितृ गायत्री का संपुट लगाकर पाठ करें।
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4- पौष मास की अमावस्या तिथि को पितृ दोष से मुक्ति के लिए एक हजार गायत्री मंत्र का जप करें।
5- पौष मास की अमावस्या तिथि के दिन ब्राह्मणों या गरीबों को भोजन कराये और यथाचित दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें।
6- सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन गाय, कुत्ते, चीटियों, और कौआ को भी भोजन खिलावें।
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7- पौष मास की अमावस्या तिथि के दिन श्रीमद्भागवत महापुराण का मूल पाठ तथा श्रीमद्भगवद गीता का पाठ करने से पित्रों की आत्मा संतुष्ट होती है।
8- पौष मास की अमावस्या तिथि के दिन ब्राह्मणों, या गरीबों को भोजन कराने से पितृ पक्ष में भूलवश कोई श्राद्ध करने से छूट गया हो तो उसकी पूर्ति अमावस्या को हो जाती है।
9- पौष मास की अमावस्या तिथि के दिन घर के आंगन में सुबह एवं शाम को दोनों समय सरसो के तेल के पांच दीपक आटे वाले जलावें।
10- पौष मास की अमावस्या तिथि को उपरोक्त उपाय करने से पूर्वज पित्र तृप्त व प्रसन्न होकर अपनी संतानों का इच्छापूर्ति का आशीर्वाद दे्ते हैं।
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