भारत में देवी दुर्गा के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनमें से शक्तिपीठ भी शामिल करें तो सभी अपनी-अपनी अलग विशेषतायें और चमत्कारों से युक्त हैं। सभी मंदिरों की अपनी खासियत और मान्यताएं हैं। उन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर उत्तर प्रदेश के लालगंज क्षेत्र के गेगांसों में स्थापित है।
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यहां का मंदिर मां संकटा देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। मंदिर अपनी अद्भुत विशेषताओं के साथ अनोखा और अद्भुत भी है। भक्तों का कहना है की यहां आये हर व्यक्ति की मुरादें पूरी होती है। आइए जानते हैं मंदिर से जुड़ी कुछ ओर रोचक बातें...
यहां आने वाले की हर मनोकामना होती है पूरी
मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां कुंवारी कन्याएं अपने मनचाहे वर की प्राप्ति के लिये देवी मां से वरदान मांगने आती हैं और इसके साथ ही जिन दंपतियों को संतान नहीं हैं वे लोग भी यहां मन्नत लेकर आते हैं और सूनी गोद भर जाये इसके लिये प्रार्थना करते हैं। मन्नतों के इस मंदिर के बारे में भक्त बताते हैं कि संकटा मंदिर में लाल चुनरी बांधने से सभी की मनोकामना पूरी होती है और उसकी झोली भर जाती है। मन्नतें पूरी होने के बाद यहां पर मां को अतिप्रिय सिंघाड़े का लड्डू अर्पित करके मंदिर के बाहर प्रसार वितरित करते हैं।
राजा त्रिलोक चंद्र नें करवाया था मंदिर का निर्माण
रहवासियों के अनुसार, संकटा मंदिर की स्थापना 12 वीं शताब्दी में हुई थी। कथा के अनुसार बताया गया कि, बैसवारा के क्षत्रिय राजा त्रिलोक चंद्र की कोई संतान नहीं थी। अपनी इस चिंता को लेकर राजा त्रिलोकचंद्र काशी पहुंचे। वहां उन्होंने महर्षि पुंजराज बाबा से अपनी व्यथा कही। इसके बाद बाबा ने राजा को पुत्र प्राप्ति का मार्ग बताया। उन्होंने राजा से पुत्रयेष्ठि यज्ञ करवाया। इसके समाप्त होते ही राजा को पुत्र रत्न प्राप्ति की शुभ सूचना मिली। कहा जाता है कि जिस स्थान पर राजा ने यह पुत्रयेष्ठि यज्ञ करवाया था उसी तपोभूमि पर यह मंदिर स्थित है।
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