नहाने के पानी में मिला लें ये चीज, शनि के दुष्प्रभावों के जल्द मिलेगी मुक्ति

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। क्योंकि कुंडली में बैठे ग्रह और उनकी स्थिति के अनुसार ही मानव के जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। माना जाता है कि अगर ग्रह शुभ हो तो व्यक्ति कम मेहनत में बहुत ऊंचाईयों तक पहुंच जाता है। वहीं अगर ग्रह अशुभ हों तो जातक अपने जीवन में कड़ी से कड़ी मेहनत के बाद भी अपनी मंजिल को नहीं पाता है।

 

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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, नाहने के पानी में कुछ चीजें मिलाकर नहाने से ग्रहों के दुष्प्रभाव कम होते हैं साथ ही सफलता भी मिलती है। तो आइए जानते हैं क्या करें उपाय...

1. ज्योतिष के अनुसार, सूर्य के दुष्प्रभाव कम करने के लिये इलाइची, केसर एवं गुलहठी, लाल रंग के फूल मिश्रित पानी से स्‍नान करें। सूर्य के दुष्प्रभाव कम होते हैं।

2. चंद्रमा के दुष्प्रभाव खत्म करने के लिये- सफेद चंदन, सफेद फूल, सीप, शंख और गुलाब की पंखुरियां पानी में मिलाकर स्नान करें। चंद्रमा के दुष्प्रभाव खत्म होंगे।

3. मंगल के दुष्प्रभाव खत्म करने के लिये- पानी में लाल चंदन, लाल फूल, बेल वृक्ष की छाल, जटामांसी, हींग मिलाकर स्नान करें, आपको बहुत लाभ मिलेगा।

4. बुध ग्रह की कृपा पाने के लिये- ज्योतिष के अनुसार बुध की कृपा पाने के लिये पानी में अक्षत, जायफल, गाय का गोबर मिलाकर स्नान करें। बुध के दुष्प्रभाव खत्म होंगे और कृपा मिलेगी।

5. गुरु के दुष्प्रभावों को खत्म करने के लिये- नहाने के पानी में सफेद सरसों, दमयंती, गूलर और चमेली के फूल मिलाकर स्‍नान करें, गुरु की कृपा मिलेगी और दुष्प्रभाव खत्म होंगे।

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6. शुक्र के दुष्प्रभाव खत्म करने के लिये- शुक्र के दुष्प्रभावों से बचने के लिये पानी में जायफल, मैनसिल, केसर, इलाइची और मूली के बीज मिलाकर नहायें। इस उपाय से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं भी दूर हो जाती है।

7. शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिये- नहाने के पानी में सरसों, काले तिल, सौंफ, लोबान, सुरमा, काजल मिलाकर स्नान करें, शनि के दुष्प्रभाव खत्म होते हैं।

8. राहु के दुष्प्रभावों से बचने के लिये- नहाने के पानी में लोबान, कस्‍तूरी, गजदंत आदि सामग्री मिलाकर स्नान करें, राहु की पीड़ा से जल्द मिलेगी मुक्ति।

9. केतु के दुष्प्रभावों से बचने के लिये- नहाने के पानी में लाल चंदन और छाग मूत्र मिलाकर स्नान करें, केतु के दुष्प्रभाव होंगे कम।



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