नर्मदा जयंती : श्री नर्मदा स्तुति "नर्मदाष्टकम"

माघ मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि- 1 फरवरी दिन शनिवार को पतित पावनी माँ नर्मदा जी की जयंती है। मेकल पर्वत पर भगवान शंकर के पसीने से उत्पन्न होने वाली मेकल सुता माँ नर्मदा एक मात्र ऐसी नदी हैं जो कल-कल आवाज करते हुए बहती है। जिसकी हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु भक्त परिक्रमा भी करते हैं। नर्मदा जयंती के दिन माँ नर्मदा के समक्ष खड़ें होकर इस नर्मदा स्तुति नर्मदाष्टकम का पाठ करने से मनुष्य की सभी कामनाएं पूरी होने लगती है।

नर्मदा जयंती 1 फरवरी : इस विधि से करें पूजन व दीपदान, हो जाएगी हर कामना पूरी

श्री नर्मदाष्टकम

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।
नमामि देवी नर्मदे, नमामि देवी नर्मदे।

1- सबिंदु सिन्धु सुस्खल तरंग भंग रंजितम।
द्विषत्सु पाप जात जात कारि वारि संयुतम।।
कृतान्त दूत काल भुत भीति हारि वर्मदे।
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।।

2- त्वदम्बु लीन दीन मीन दिव्य सम्प्रदायकम।
कलौ मलौघ भारहारि सर्वतीर्थ नायकं।।
सुमस्त्य कच्छ नक्र चक्र चक्रवाक् शर्मदे।
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।।

3- महागभीर नीर पुर पापधुत भूतलं।
ध्वनत समस्त पातकारि दरितापदाचलम।।
जगल्ल्ये महाभये मृकुंडूसूनु हर्म्यदे।
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।।

नर्मदा जयंती 2020 : नर्मदा मैया की आरती

4- गतं तदैव में भयं त्वदम्बु वीक्षितम यदा।
मृकुंडूसूनु शौनका सुरारी सेवी सर्वदा।।
पुनर्भवाब्धि जन्मजं भवाब्धि दुःख वर्मदे।
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।।

5- अलक्षलक्ष किन्न रामरासुरादी पूजितं।
सुलक्ष नीर तीर धीर पक्षीलक्ष कुजितम।।
वशिष्ठशिष्ट पिप्पलाद कर्दमादि शर्मदे।
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।।

6- सनत्कुमार नाचिकेत कश्यपात्रि षटपदै।
धृतम स्वकीय मानषेशु नारदादि षटपदै:।।
रविन्दु रन्ति देवदेव राजकर्म शर्मदे।
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।।

फरवरी 2020 के मुख्य व्रत पर्व त्यौहार

7- अलक्षलक्ष लक्षपाप लक्ष सार सायुधं।
ततस्तु जीवजंतु तंतु भुक्तिमुक्ति दायकं।।
विरन्ची विष्णु शंकरं स्वकीयधाम वर्मदे।।
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।।

8- अहोमृतम श्रुवन श्रुतम महेषकेश जातटे।
किरात सूत वाड़वेषु पण्डिते शठे नटे।।
दुरंत पाप ताप हारि सर्वजंतु शर्मदे।
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।।

9- इदन्तु नर्मदाष्टकम त्रिकलामेव ये सदा।
पठन्ति ते निरंतरम न यान्ति दुर्गतिम कदा।।
सुलभ्य देव दुर्लभं महेशधाम गौरवम।
पुनर्भवा नरा न वै त्रिलोकयंती रौरवम।।

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।
नमामि देवी नर्मदे, नमामि देवी नर्मदे।
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।।

**********

नर्मदा जयंती : नर्मदा स्तुति श्री नर्मदाष्टकम

from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/36Pqkn6
Previous
Next Post »