सनातन धर्म से संबंधित लगभग सभी घरों में भगवान का मंदिर जरुर होता है। मंदिर या पूजाघर होने से घर में शांति रहती है और परिवार में भी सुख-शांति बनी रहती है। जब व्यक्ति अपने आराध्य की सच्चे मन से पूजा करता है तो उसे जीवन में तरक्की मिलती है। लेकिन अगर आप अपने इष्ट की पूजा कर रहे हैं और आपसे कोई भूल हो जाए तो शायद आपको थोड़ा परेशानियां हो सकती है या फिर हमसे भगवान रूठ भी सकते हैं। तो आइए जानते हैं पूजापाठ में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है...
1. पूजापाठ करते समय इस बात का ध्यान रखें की हमेशा सफेद तिल का उपयोग करें। लेकिन अगर आप यज्ञ और पूर्वजों की पूजा कर रहे हैं तो हमेशा काले तिल का प्रयोग करना चाहिये। क्योंकि पूर्वजों की पूजा में काले तिल उपयोग होते हैं।
2. शास्त्रों के मुताबिक, भगवान को हमेशा दोनों हाथ जोड़कर ही प्रणाम करें और कभी भी सोये हुए व्यक्ति को चरण स्पर्श ना करें। मान्यताओं के अनुसार जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तब उसके शव को जमीन पर लिटाकर उसे चरण स्पर्श किया जाता है। इसलिए किसी जीवित व्यक्ति के सोते समय उसके पैर नहीं छूने चाहिए।
3. श्री कृष्ण को भोग में तुलसी जरुरी होती है। लेकिन आपको बता दें की तुलसी पत्ता तोड़ने के कुछ नियम होते हैं। तुलसी को इन दिनों संक्रांति, द्वादशी, अमावस्या, पूर्णिमा और रविवार के दिन नहीं तोड़नी चाहिए।
4. जप करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी जीभ या फिर होठों को नहीं हिलाना चाहिए। इसे उपांशु जप कहते हैं। इस प्रकार से जप करने का फल सामान्य की तुलना में सौगुना अधिक प्राप्त होता है। जप करते समय दाएं हाथ को कपड़े या फिर गौमुखी से ढक लेना चाहिए। जप पूरा होने के बाद आसन के नीचे की भूमि को स्पर्श कर नेत्रों से लगाना चाहिए।
5. अगर आप पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं तो ध्यान रखें की सिर्फ शनिवार के दिन ही पीपल की जड़ को सींचें और उसके बाद पेड़ की 7 परिक्रमा लगाएं। इसके बाद भगवान से हाथ जोड़कर अपनी गलतियों की क्षमा मांगे।
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