घर में बेडरूम या शयन कक्ष बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यही वह स्थान है जहां दिनभर से थका हुआ व्यक्ति अपनी थकान मिटाता है और शांति पूर्ण माहौल और सूकून के पल बिताता है।
लेकिन कई बार लोगों के साथ ऐसा भी होता है कि उनके पास सबकुछ होने के बाद भी नींद नहीं आती है। वे अपने शयन कक्ष यानी बेडरुम में सुकून की नींद नहीं ले पाते और बीना किसी मुद्दे के पति-पत्नी के बीच तनाव बना रहता है। इस सब का कारण आपके बेडरूम की गलत दिशा या फिर वहां रखी चीजें भी हो सकती है। तो आइए जानते हैं अपने शयन कक्ष ( बेडरूम ) को किस दिशा में होना चाहिये और क्या वहां नहीं रखना चाहिये....
हमेशा इस दिशा में रखें अपना शयन कक्ष-
मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य) की ओर होना चाहिए। अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए।
इस तरह सोएंगे तो पूरी होगी नींद और नहीं रहेगी थकान-
अपने बेडरूम में सोते समय हमेशा सिर दीवार से सटाकर सोएं और पैर हमेशा दक्षिण और पूर्व दिशा की तरफ रखकर सोएं। उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से स्वास्थ्य लाभ तथा आर्थिक लाभ की संभावना रहती है। पश्चिम दिशा की ओर पैर करके सोने से शरीर की थकान निकलती है, नींद अच्छी आती है। दीवार में दरारें हों तो उसकी मरम्मत करवा दें।
अपने बेडरूम में इन चीजों को नहीं रखना चाहिये-
- अपने बेडरूम में भूलकर भी झाड़ू, जूते-चप्पल, अटाला, इलेक्ट्रॉनिक आइटम या फिर कोई भी टूटी-फूटी चीज नहीं रखना चाहिये। इससे नकारात्मकता आती है।
- इस बात का हमेशा ध्यान रखें की कभी भी अपने बिस्तर के सामने आईना नहीं लगाना चाहिये, ये अच्छा नहीं माना जाता है।
- कभी भी डबलबेड के गद्दे दो हिस्सों में नहीं होना चाहिये, ऐसा होने से पति-पत्नी के बीच दूरीयां बढ़ती है।
- इस कक्ष में टूटा पलंग नहीं होना चाहिए। पलंग का आकार यथासंभव चौकोर रखना चाहिए। पलंग की स्थापना छत के बीम के नीचे नहीं होनी चाहिए।
- शयन कक्ष के दरवाजे के सामने पलंग न लगाएं, लकड़ी से बना पलंग श्रेष्ठ रहता है।
- खराब बिस्तर, तकिया, परदे, चादर, रजाई आदि नहीं रखें।
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