हिंदू-धर्म में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। इन्हीं में से एक दिन होता है शुक्रवार... इस दिन को देवी मां लक्ष्मी के साथ ही मां दुर्गा का दिन भी माना जाता है।
इस दिन भक्त देवी मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए पूरे मन से पूजा-अर्चना व उपवास करते हैं, ताकि मां दुर्गा की कृपा हमेशा बरकरार रहे। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक अगर कोई सच्चे मन से मां दुर्गा की विधिवत पूजा करे तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। मां दुर्गा को 'दुर्गतिनाशिनी' भी कहा जाता है जो जीवन से दुर्गति का नाश करती हैं।
भक्त के जीनव से सारे दुख मां हर लेती हैं। वहीं इसी दिन लक्ष्मी देवी की विशेष पूजा और व्रत का भी शुक्रवार को विधान है। देवी लक्ष्मी धन, सम्पदा और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। मान्यता है कि शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से मनचाहा फल मिलता है। कहा जाता है सुख और ऐश्वर्य की देवी लक्ष्मी सदैव कर्म और कर्तव्य से जुड़े व्यक्ति पर हमेशा मेहरबान रहती है।
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ये हैं मां दुर्गा को प्रसन्न करने के उपाय
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार मां दुर्गा की पूजा करने से कई लाभ होते हैं। जीवन सुखमय होना, पारिवारिक कलह समाप्त होना, धन-धान्य में वृद्धि होना आदि लाभ आपको प्राप्त होता है। किन्तु पूजा के अलावा हिन्दू शास्त्रों में ऐसे कई उपाय दर्ज हैं जिन्हें करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्त की हर इच्छा को पूर्ण करती है।
मां दुर्गा को प्रसन्न करने के उपाय सरल नहीं होते हैं लेकिन यहां हम आपको कुछ सरल शास्त्रीय उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें कर आप देवी कृपा पा सकते हैं। ये उपाय सरल हैं लेकिन इनका प्रभाव कम नहीं होता है।
: माना जाता है कि किसी भी दुख को हरने के लिए मां दुर्गा के नाम का जाप ही काफी है। शास्त्रों के मुताबिक किसी भी लोक का हर पापी दुर्गा के नाम से डरता है। यदि जीवन में कोई परेशानी चल रही है तो आप मां दुर्गा के किसी भी मंत्र का जाप करें। आप मां दुर्गा के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए जो इस प्रकार है- "ऊँ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:"। इस मंत्र का आप एक माला (108 बार) जाप कर सकते हैं।
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रोजाना या फिर कम से कम शुक्रवार को इस मंत्र का जाप करने से लाभ मिलता है। ध्यान रहे, मां दुर्गा के मंत्रों का जाप यदि रात्रि में किया जाए तो अधिक फलदायी होता है।
: मां दुर्गा को जपापुष्ण का फूल बेहद पसंद होता है। इसलिए मां दुर्गा का जाप करते वक्त उन्हें जपापुष्प का फूल अर्पित करें। ऐसा करने से मां प्रसन्न होती है। साथ ही शुक्रवार के दिन मां दुर्गा के पूजा के समय आप पानी वाला नारियल, सुपारी, लौंग, इलायची , रोली, चावल, गुलाब( लाल रंग),देशी घी, अगरबत्ती आदि समाग्री का चढ़ावा कर सकते हैं।
: शुक्रवार के दिन मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए चंडी पाठ या फिर दुर्गा सप्तशती पाठ करना बेहद महत्व बताया गया है। यह दोनों ही पाठ यदि कोई नियमानुसार पढ़ लें तो उस पर मां दुर्गा की अपार कृपा होती है।
: मां दुर्गा संसार के सभी जीव-जंतु व प्राणी से प्यार करती हैं। इसलिए पूजा पाठ के अलावा आपको गरीबों को दान करना चाहिए। साथ ही भूखे-प्यासे जानवरों की मदद करने से भी मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
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: मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए आप एक शुक्रवार के दिन उपवास भी कर सकते हैं।
देवी मां लक्ष्मी: उपाय जो दिलाएंगे जीत -
देवी लक्ष्मी कमल पर बैठती हैं और हाथ में कमल ही धारण करती हैं। शास्त्रों में इनका निवास भी कमलवन बताया गया है। इन्हें धन की देवी और शुक्रवार लक्ष्मी जी के भजन पूजन के लिए विशेष माना जाता है।
शुक्रवार के दिन ऐसे करें देवी लक्ष्मी को प्रसन्न...
शुक्रवार के दिन लक्ष्मी देवी की विशेष पूजा और व्रत रखने का विधान है। देवी लक्ष्मी धन, सम्पदा और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार को दिन भर व्रत रखने के बाद शाम को देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर कि दरिद्रता दूर होती है। ये व्रत 7, 11 या 21 शुक्रवार या अपनी इच्छा के अनुसार आप कितने भी कर सकते हैं।
लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हुए उन्हें लाल फूल चढाएं, सफेद चंदन उन्हें तिलक तथा चावल और खीर से देवी को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। सात्विक भोजन करें व्रत खोलते समय खीर जरूर खाएं।
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कुछ जानकारों के अनुसार यह दिन मां दुर्गा का भी माना जाता है, अत: दुर्गा सप्तशति का पाठ भी इस दिन सारी मनोकामनाएं पूरी करता है।
ज्योतिष और शुक्र...
ज्योतिष के अनुसार कुण्डली में शुक्र ग्रह की शुभ स्थिति जीवन को सुखमय और प्रेममय बनाती है, तो अशुभ स्थिति चारित्रिक दोष एवं पीड़ा दायक होती है। शुक्र के अशुभ होने पर व्यक्ति में चारित्रिक दोष उत्पन्न होने लगते हैं. व्यक्ति बुरी आदतों का शिकार होने लगता है।
कुंडली में शुक्र -
शुक्र वृष और तुला राशियों का स्वामी है। यह मीन राशि में उच्च का तथा कन्या राशि में नीच का माना जाता है। तुला 20 अंश तक इसकी मूल त्रिकोण राशि भी है। शुक्र अपने स्थान से सातवें स्थान को पूर्ण दृष्टि से देखता है और इसकी दृष्टि को शुभकारक कहा गया है। जनम कुंडली में शुक्र सप्तम भाव का कारक होता है।
जिनकी कुंडली में शुक्र अशुभ है वो निम्न उपाय करें
1. शुक्रवार को सफेद वस्त्र धारण करें।
2. परफ्युम या इत्र का प्रयोग शुक्र को बलवान बनाता है।
3. किसी नेत्रहीन व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिठाई का दान करना चाहिए।
4. दस वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को गाय के दूध की खीर खिलाएं।
5. मछलियों को आटे की गोलियां (दाना) डालें।
6. "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः" मंत्र के 108 उच्चारण कर ग्रह प्रतिष्ठा करके धूप,दीप , श्वेत पुष्प, अक्षत आदि से पूजन करें
7. चांदी का कड़ा पहनें, श्रीसूक्त का पाठ करें।
शुक्र को शुभ करने के यह भी हैं उपाय
1. शुक्र की अशुभता दूर करने के लिए सामर्थ्य अनुसार रुई और दही को मंदिर में दान करना चाहिए। शुक्र को शुभ करने के लिए गाय को हरा चारा खिलाना और सच्चे मन एवं श्रद्धा भाव के साथ गाय की सेवा करनी चाहिए।
2. स्त्री एवं अपनी पत्नी का कभी भी अपमान या निरादर नहीं करना चाहिए, उन्हें सदैव आदर और सम्मान देने का प्रयास करना चाहिए। चांदी से बनी ठोस गोली सदैव अपने पास रखने से शुक्र की शुभता में इजाफा होगा।
3. शुक्र की शुभता के लिए शुक्रवार का व्रत करना चाहिए तथा नियमित रुप से मंदिर में जाकर माथा टेकना चाहिए।
4. मन और हृदय पर काबू रखना चाहिए और भटकाव की ओर जाने से रोकना चाहिए। शुक्र मन और इन्द्रियों को नियंत्रित रखने पर विशेष बल देता है। गाय को हरा चारा खिलाने से शुक्र की अशुभता में कमी आती है। गाय का पीला घी मंदिर में दान करने से भी शुक्र को बल मिलता है।
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