सनातन धर्म में त्रिदेवों में से एक भगवान शिव भी हैं। वहीं आदि पंचदेवों में भी एक भगवान शिव ही हैं। महादेव को सनातन में संहार का देवता माना जाता है। ऐसे में भगवान भोलेनाथ के भारत में अनेक धर्मस्थल बने हैं जिनको लेकर अलग-अलग इतिहास और मान्यताएं जुड़ी हुई है, लेकिन भारत में कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिनके बारे में लोग बहुत कम ही जानते हैं।
देशभर में जहां भगवान शिव के अनेक मंदिर बने हैं, वहीं आज भी कुछ ऐसे रहस्यमयी मंदिर मौजूद है, जिनके तथ्य लोगों को हैरान कर सकते हैं। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे मंदिर की जिसके बारे में तो लोगों ने बहुत कम सुना होगा, लेकिन इसकी धार्मिक मान्यता काफी ज्यादा है।
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दरअसल ये बेहद ही रहस्यमयी शिव मंदिर (Mysterious Temple) झारखंड (Jharkhand) के रामगढ (Ramgarh) में स्थित है। जिसे टूटी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में 24 घंटे शिवलिंग पर जलाभिषेक होता रहता है और इस जलाभिषेक का स्त्रोत मां गंगा को माना गया है।। वैसे तो आमतौर पर लोग 1 से 2 या 3 बार जलाभिषेक करते हैं, लेकिन 24 घंटों तक जलाभिषेक किसी को भी हैरान कर सकता है। जी हां, इस रहस्यमयी मंदिर की एक बेहद रोचक इतिहास है जिससे बहुत कम लोग जानते हैं।
प्राचीन (Historical) कहानी के अनुसार सन् 1925 में अंग्रेज (Foreigners) झारखंड के रामगढ इलाके में रेलवे लाइन बिछा रहे थे। जब वे पानी की खुदाई कर रहे थे, तब इसी दौरान उन्हें जमीन के अंदर कुछ अजीब सा दिखाई दिया जो गुंबदनुमा आकार का था।
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अंग्रेजों ने जमीन के अंदर तक खुदाई की जहां उन्हें एक प्राचीन मंदिर मिला। इस मंदिर में भगवान शिव का शिवलिंग मौजूद था जिसके ठीक उपर से जल निकल रहा था जो शिवलिंग पर आकर गिर रहा था। जल का स्त्रोत गंगा मां (Goddess Ganga) कि प्रतिमा (Statue) से निकल रहा था जो नाभी से आपरूपि गंगा मां के हाथों से निकल रहा था और शिवलिंग पर गिर रहा था।
स्वंय गंगा करती है भगवान शिव का जलाभिषेक
इस दृश्य को देखने के बाद अंग्रेज काफी हैरान रह गए थे। बता दें कि, रामगढ के इस मंदिर में आज भी रहस्य सुलझ नहीं पाया है कि आखिर कहां से ये पानी निकलता है और क्या इसका स्त्रोत हैं, माना जाता है कि यह भगवान शिव का चमत्कार है जिसे स्वंय गंगा मां भी पूजती हैं।
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