मंदिरों व कुछ स्थानों में होने वाले चमत्कारों से जुड़ी कई बातें आपने सुनी ही होंगी, वहीं कुछ लोगों ने ऐसा होता हुआ भी देखा होगा। ऐसे कई स्थान व मंदिर आपको भारत में मिल जाएंगे, वहीं कुछ स्थान व मंदिर ऐसे भी हैं जो मुश्किलों में लोगों की तुरंत सहायता करते दिखते हैं।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार हिंदू धर्म में कई ऐसे बातें हैं जिनका कोई वैज्ञानिक प्रमाण तो नहीं मिलता, लेकिन इनके अस्तित्व को कोई नकार भी नहीं सकता।
ऐसे हम आज कुछ ऐसे मंदिरों व जगहों के बारे में बता रहे हैं, जहां जाने मात्र से ही सांप का जहर उतर जाता है। हालांकि ये आज भी शोध का विषय है कि आखिर क्या वजह है कि इन जगहों पर अत्यंत विषैले सांपों का जहर भी देखते-देखते उतर जाता है...
MUST READ : 1,300 साल पुराना मंदिर, भगवान शिव के क्रोध से हुआ था इनका जन्म
: ऐसा ही एक स्थान देवभूमि उत्तराखंड में भी है जहां सांप द्वारा काटे जाने के बावजूद स्मरण मात्र से ही सांपों का जहर उतर जाता है। दरअसल उत्तराखंड के जौनसार बावर के गांव सुरेऊ में सांप काट ले तो किसी भी तरह के इलाज की जरूरत नहीं होती। स्थानीय निवासियों के मुताबिक यह गांव चारों ओर से जंगलों से घिरा है इसलिए यहां अमूमन सांप निकलते रहते हैं।
लेकिन इनके काटने से आज तक किसी की मृत्यु नहीं होती। यहां स्मरण मात्र से ही सांपों का जहर उतर जाता है। बताया जाता है कि इस गांव में सदियों से नागों की पूजा होती आ रही है इसलिए इस मान्यता है कि इस गांव पर नाग देवता की कृपा है। गांव में हर साल 13 अप्रैल को नाग देवता की विशेष पूजा- अर्चना का विधान है। इसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। कहते हैं यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत नाग देवता पूरी करते हैं।
MUST READ : हर दर से मायूस हो चुके लोगों के लिए-यहां विराजती हैं न्याय के लिए देवी मां भगवती
: वहीं इसी तरह छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में एक ऐसी जगह है, जहां यदि कहीं किसी को सांप ने काटा हो और वह यहां आ आए तो उसका जहर उतर जाता है। दरअसल रायपुर के डिघारी गांव में भी लोगों की सांपों के साथ गहरी दोस्ती। यहां कभी भी कोई न तो सांपों को मारता है और न ही सांप किसी को काटते हैं।
कहते हैं कि अगर कहीं किसी को सांप ने काटा हो और वह यहां आ आए तो उसका जहर उतर जाता है। इसके पीछे यह बताया जाता है कि सदियों पहले इस गांव में किसी ब्राह्मण ने सांप की जान बचाई थी। मान्यता है यह उस सांप का ही वरदान है कि इस गांव में कभी किसी को सांप नहीं काटता। वहीं दूसरी जगह से अगर कोई आए जिसे सांप ने काटा हो तो सांप की कृपा से उसकी जान बच जाती है।
MUST READ : गुप्त नवरात्र 2020: जानिये तिथि, पूजा विधि और इस बार क्या है खास
: इसके अलावा बिहार का एक मंदिर सांपों का जहर उतरने के लिए प्रसिद्ध है। जानकारी के अनुसार बिहार के विषहरा में स्थापित आदि शक्ति मां मंदिर की तो ऐसी महिमा है कि यहां आते ही सांपों का जहर उतर जाता है।
जी हां अगर किसी को सांप ने काटा हो और वह इस मंदिर में आ जाए तो मंदिर प्रांगण पहुंचते ही उसका जहर उतर जाता है। इस मंदिर में प्रत्येक मंगलवार को भक्तों की भीड़ लगती है। श्रद्धालु इस दिन नाग देवता की दूध, लावा और बेलपत्र से पूजा करके उनसे सुख-समृद्धि की मनौती मांगते हैं। मान्यता है यहां मांगी मुराद पूरी होती है।
: जबकि इलाहाबाद जिले में एक गांव ऐसा है कभी किसी की भी मृत्यु सांपों के काटने से नहीं हुई। दरअसल उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले से 35 किलोमीटर की दूर पर स्थित शंकरगढ़ का कपारी गांव बेहद निराला है। इस गांव का बच्चा-बच्चा सांप से खेलता है। यहां सांपों को घर का सदस्य माना जाता है।
इस गांव में सांपों के साथ बड़े क्या बच्चे भी खूब खेलते हैं। लेकिन आज तक यहां किसी को भी सांपों ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। इस गांव को सपेरों के गांव से भी जाना जाता है। हालांकि सांपों के साथ इस दोस्ती का राज क्या है यह तो आज तक कोई नहीं जान पाया। लेकिन दावा है कि आज तक इस गांव में कभी किसी की भी मृत्यु सांपों के काटने से नहीं हुई।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/2VkD6aj
EmoticonEmoticon