हनुमान जी का वो मंत्र जो हर स्थिति में दिलाता है विजय : लेकिन ये नियम हैं आवश्यक

सनातन धर्म में श्रीराम भक्त हनुमान को 11वें रुद्रवतार के रुप में जाना जाता है। इसके अलावा भगवान हनुमान को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है। कहा जाता है कि वे हिमालय के जंगलों में रहते है।

वहीं ये भी मान्यता है कि हनुमान जी भक्तों की सहायता करने मानव समाज में कई बार आते रहते हैं, लेकिन किसी को आंखों से दिखाई नहीं देते। वहीं पंडित सुनील शर्मा के अनुसार एक ऐसा मंत्र है जिसके जाप से हनुमान जी भक्त के सामने साक्षात प्रकट हो जाते हैं। संत समाज भी कुछ हद तक इसे स्वीकार्य करता है।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार मंत्र की शक्ति से हनुमान जी को महसूस किया जा सकता है। उस वक्त आपको ऐसा लगता है, जैसे भगवान आपके सामने ही प्रगट हो चुके है। हालांकि, मंत्रोच्चारण को लेकर भी कुछ विधि और नियमों का पालन जरूरी है।

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मंत्र और इसके नियम...
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार जिस चमत्कारिक मंत्र की हम बात कर रहे है। वह मंत्र है...

मंत्र: कालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्णु , निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु।।

यह है आवश्यक : इस मंत्र के जाप करने से भगवान के प्रगट होने की मान्यता हैं, लेकिन इसके लिए कुछ नियम है। इस मंत्र के जाप के समय भक्त को अपनी आत्मा के हनुमानजी के साथ संबंध का बोध होना चाहिए।

इसके अलावा जिस जगह पर यह मंत्र जाप किया जाए उस जगह के 980 मीटर के दायरे में कोई भी ऐसा मनुष्य उपस्थित न हो जो पहली शर्त को पूरी न करता हो। अर्थात या तो 980 मीटर के दायरे में कोई नहीं होना चाहिए अथवा जो भी उपस्थित हो उसे अपनी आत्मा के हनुमान जी के साथ संबंध का बोध होना चाहिए।

इसके अलावा मंत्र जाप के समय जो नियम होते हैं, वे भी इस दौरान अपनाने जरूरी हैं।

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इस महामंत्र के पीछे की कथा
माना जाता है कि यह मंत्र स्वयं हनुमान जी ने पिदुरु पर्वत के जंगलों में रहने वाले कुछ आदिवासियों को दिया था। पिदुरु ( पूरा नाम "पिदुरुथालागाला ) श्रीलंका का सबसे ऊंचा पर्वत है। जब प्रभु रामजी ने अपना मानव जीवन पूरा करके समाधि ले ली थी, तब हनुमान जी पुन: अयोध्या छोड़कर जंगलों में रहने लगे थे।

कहा जाता है कि उस समय वे लंका के जंगलों में भी भ्रमण के लिए गए थे, जहां उस समय विभीषण का राज्य था। लंका के जंगलों में उन्होंने प्रभु राम के स्मरण में बहुत दिन गुजारे। उस समय पिदुरु पर्वत में रहने वाले कुछ आदिवासियों ने उनकी खूब सेवा की।

आदिवासियों को दिया था मंत्र
जब वे पिदुरु से लौटने लगे तब उन्होंने यह मंत्र उन जंगलवासियों को देते हुए कहा - "मैं आपकी सेवा और समर्पण से अति प्रसन्न हूं। जब भी आप लोगों को मेरे दर्शन करने की अभिलाषा हो, इस मंत्र का जाप करना मै प्रकाश की गति से आपके सामने आकर प्रकट हो जाउंगा।

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इस पर वहां के मुखिया ने कहा -"हे प्रभु , हम इस मंत्र को गुप्त रखेंगे लेकिन फिर भी अगर किसी को यह मंत्र पता चल गया और वह इस मंत्र का दुरुपयोग करने लगा तो क्या होगा। तब हनुमान जी ने उतर दिया कि आप उसकी चिंता न करें। अगर कोई ऐसा व्यक्ति इस मंत्र का जाप करेगा जिसको अपनी आत्मा के मेरे साथ संबंध का बोध न हो, तो यह मंत्र काम नहीं करेगा।

हनुमान जी ने दिए थे ये जबाव...
मान्यता है कि जंगलवासियों के मुखिया ने पूछा था कि "भगवन , आपने हमें तो आत्मा का ज्ञान दे दिया है जिससे हम तो अपनी आत्मा के आपके साथ सम्बन्ध से परिचित हैं, लेकिन हमारे बच्चों और आने वाली पीढिय़ों का क्या ? उनके पास तो आत्मा का ज्ञान नहीं होगा। उन्हें अपनी आत्मा के आपके साथ सम्बन्ध का बोध भी नहीं होगा। इसलिए यह मंत्र उनके लिए तो काम नहीं करेगा।

जिस पर हनुमान जी ने कहा था कि मैं यह वचन देता हूं कि मैं आपके कुटुंब के साथ समय बिताने हर 41 साल बाद आता रहूंगा और आकर आपकी आने वाली पीढिय़ों को भी आत्म ज्ञान देता रहूंगा जिससे कि समय के अंत तक आपके कुनबे के लोग यह मंत्र जाप करके कभी भी मेरे साक्षात दर्शन कर सकेंगे।

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इस कुटुंब के जंगलवासी अब भी श्रीलंका के पिदुरु पर्वत के जंगलों में रहते हैं। वे आदिवासी आज तक आधुनिक समाज से कटे हुए हैं। इनके हनुमान जी के साथ विचित्र सम्बन्ध के बारे में पिछले साल ही पता चला जब कुछ अन्वेषकों ने इनकी विचित्र गतिविधियों पर गौर किया गया है।

जानिये अब कब आएंगे हनुमानजी
हर 41 साल बाद होने वाली घटना का हिस्सा हैं जिसके तहत हनुमान जी अपने वचन के अनुसार उन्हें हर 41 साल बाद आत्म ज्ञान देते आते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि हनुमान जी उनके पास 2014 में भी यहां रहने आए थे। इसके बाद वे 41 साल बाद यानि 2055 में आएंगे,लेकिन वे इस मंत्र का जाप करके कभी भी उनके साक्षात् दर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

बताया जाता है कि जब हनुमान जी उनके पास 41 साल बाद रहने आते हैं तो उनके द्वारा उस प्रवास के दौरान किए गए हर कार्य और उनके द्वारा बोले गए हर शब्द का एक एक मिनट का विवरण इन आदिवासियों के मुखिया बाबा मातंग अपनी हनु पुस्तिका में नोट करते हैं।

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हनुमान के कुछ अन्य खास मंत्र जिनसे दूर होंगे सारे संकट :-

वैदिक ग्रंथों में मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन सबसे शुभ और कल्याणकारी माना गया है। जानें हनुमान साधना के सबसे अचूक और प्रभावी मंत्र....

: संपत्ति से जुड़ी समस्या हो तो?...
- मंत्र - ॐ मारकाय नमः , मंत्र जाप लगातार 9 मंगलवार को करें।।

: नौकरी या रोजगार की समस्या हो तो...
- मंत्र - ॐ पिंगाक्षाय नमः , संकल्प की संख्या में लगातार 9 मंगलवार इस मंत्र का जाप करें।।

: मान-सम्मान और यश पाने के लिए...
मंगलवार को...
- मंत्र - ॐ व्यापकाय नमः , संकल्प की संख्या में लगातार 9 मंगलवार इस मंत्र का जाप करें

: महाबली हनुमान के संकटहारी मंत्र...

पहला मंत्र- ॐ तेजसे नम:।।

दूसरा मंत्र- ॐ प्रसन्नात्मने नम:।।

तीसरा मंत्र- ॐ शूराय नम:।।

चौथा मंत्र- ॐ शान्ताय नम:।।

पांचवां मंत्र- ॐ मारुतात्मजाय नमः।।

छठा मंत्र- ॐ हं हनुमते नम:।।

मंगलवार की शाम को महाबली हनुमान के सामने इन मंत्रों का कम से कम 108 बार या ज्यादा से ज्यादा आपकी जितनी क्षमता हो, उतनी बार जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके सभी संकट शीघ्र कट जाएंगे।



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