पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन अमावस्या को पड़ती है, ऐसे में इस दिन को सर्वपितृ अमावस्या (Sarvapitra Amavasya) कहा जाता है। इस दिन भूले-बिसरे सभी पितरों के लिए तर्पण किया जाता है, इसलिए ही इस अमावस्या को सर्वपितृ (Sarvapitru Amavasya) कहा गया है। हिन्दू पंचांग के मुताबिक आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सर्वपितृ अमावस्या होती है। वहीं इस साल यानि 2020 में सर्वपितृ अमावस्या 17 सितंबर, बृहस्पतिवार (Sarvapitra Amavasya Kab Hai) को है।
इस दिन पितृ पक्ष समाप्त होता है। साथ ही इस दिन पितरों को विदा भी किया जाता है, इसलिए इस अमावस्या को पितृ विसर्जन अमावस्या भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन पितृ अपने लोक को वापस चले जाते हैं। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार वैसे तो पितृ पक्ष के दौरान भी कुछ कामों को निषेध माना गया है, लेकिन माना जाता है कि पितृ पक्ष के आखिरी दिन यानी सर्वपितृ अमावस्या के दिन भी कुछ कामों को विशेष रूप से निषेध (Donts of Amavasya) माना गया है। कहते हैं कि जो लोग विशेष सावधानी नहीं बरतते हैं, उन्हें पितृ दोष के प्रकोप (Pitra Dosh) को सहना पड़ता है।
आज भूलकर भी न करें ये गलतियां : Sarvapitri amavasya Rules
: सर्वपितृ अमावस्या के दिन भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन न करें। पितरों को बहुत पवित्र माना जाता है, इसलिए ऐसा बताया जाता है कि उन्हें मांस-मदिरा का सेवन करने वालों से घृणा हो जाती है। यह पितृ दोष का कारण बन सकता है, इसलिए सर्वपितृ अमावस्या को मांस-मदिरा के सेवन से बचें।
: इस दिन नाखून नहीं काटने चाहिए। कई लोग ऐसा मानते हैं कि पितरों को विदा करने के बाद नाखून काट सकते हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि ऐसा करने से आपको पितृ दोष के भयानक परिणामों को भुगतना पड़ सकता है। जब तक सर्वपितृ अमावस्या की रात खत्म नहीं होती है तब तक गलती से भी नाखून न काटें।
: अमावस्या के दिन भूलकर भी अपने बाल न कटवाएं। किसी की मृत्यु पर बालों का त्याग किया जाता है, लेकिन श्राद्ध यानी पितृ पक्ष के दौरान बाल कटवाना मना है। माना जाता है कि जो लोग सर्वपितृ अमावस्या को पितृ पक्ष का अंतिम दिन मानकर बाल कटवा लेते हैं, उन्हें भविष्य में इसके भारी नुकसानों को झेलना पड़ता है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि इस दिन दाढ़ी भी नहीं बनवाते हैं।
: सर्वपितृ अमावस्या के दिन जो कोई भी व्यक्ति आपके घर दान-दक्षिणा लेने आए उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। आप जितना दान या दक्षिणा देने में समर्थ हों उतना जरूर करें। साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर इस दिन आपके घर कोई भूखा व्यक्ति खाना मांगते हुए आता है, तो उसे खाने के लिए मना नहीं करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को खाना खिलाएं या चावल-आटा दान करें।
: इस दिन किसी के साथ अन्याय न करें। चाहें कोई इंसान हो या जानवर उसके साथ बदसलूकी या हिंसा का व्यवहार अच्छा नहीं माना जाता है। मान्यता के अनुसार विशेष रूप से सर्वपितृ अमावस्या के दिन ऐसा करने से घर में पितृ दोष लगता है। सड़क पर चलते हुए कुत्तों को लात मारना कई लोगों की आदत होती है, लेकिन सर्वपितृ अमावस्या के दिन ऐसा करना आपको पितृ दोष से प्रकोपों की ओर खींच कर ले जा सकता है।
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