मंगल यद्यपि पापी ग्रह है। जहां एक ओर हानि करता है, वहीं राजयोग भी फलित करता है। जैसे यदि मंगल चतुर्थ भाव में हो तो जातक को गृह, माता एवं पत्नी के सुख से वंचित कर देगा, किंतु जातक को उच्च स्तर का राज कर्मचारी, संपन्न और पिता की छत्रछाया में रहने वाला ...
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